आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों का एप के जरिए मिनटों में होगा निराकरण

  
Last Updated:  October 9, 2020 " 10:40 pm"

इंदौर : जिले में मतदाताओं व अन्य नागरिकों द्वारा विधानसभा उप चुनाव के दौरान की जाने वाले शिकायतों के त्वरित और प्रभावी निराकरण के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जिले में कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा जिला स्तरीय सी-विजिल कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। सी-विजिल मोबाइल एप है। यह एप कोई भी डाउनलोड कर फोटो, वीडियो, ऑडियो आदि के माध्यम से रियल टाइम शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। प्राप्त शिकायतों का 15 से 20 मिनट के भीतर निराकरण किया जाएगा।
इस एप के माध्यम जैसे ही शिकायतें मिलेंगी तुरंत मौके पर टीम भेजकर उसका निराकरण किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। शिकायतों को लेकर तुरंत कार्रवाई और वीडियोग्राफी के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मनीष सिंह द्वारा पृथक से टीमों का गठन किया गया है। इस सी-विजिल एप के माध्यम जैसे ही आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई जाएगी। उसकी जानकारी जिला स्तरीय कंट्रोल रूम को जीपीएस लोकेशन सहित मिलेगी। कंट्रोल रूम द्वारा संबंधित क्षेत्र के नजदीक तैनात टीम को तुरंत सूचना दी जाएगी और मौके पर 15 से 20 मिनट के अंदर भेजकर आवश्यक कार्रवाई और निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। यह टीम मौके से ही अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सी-विजिल (नागरिक सतर्कता) ऐप से फॉस्टन-ट्रेक शिकायत प्राप्ति एवं निवारण प्रणाली का सृजन हुआ है। सी-विजिल, (नागरिक सतर्कता) नागरिकों के लिए निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय के उल्लंसघन की रिपोर्ट करने हेतु एक कारगर मोबाइल ऐप है। ‘सी-विजिल’ का अभिप्राय नागरिक सतर्कता से है और इसमें नागरिकों द्वारा निर्वाचनों के स्वतंत्र एवं निष्पाक्ष संचालन के लिए परस्पर सक्रिय और जिम्मेादार भूमिका निभाने पर बल दिया गया है।
सी-विजिल उपयोगकर्ता अनुकूल और आसानी से संचालित किया जाने वाला एक एंड्राइड एप्लिकेशन है, जिसका उपयोग अधिसूचना की तारीख से उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है। इस ऐप की एक विशेषता यह है कि यह उड़नदस्तों को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य सुनिश्चित करने हेतु ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन कैप्चर कर के जीवंत फोटो/वीडियो लेने देता है।
इस ऐप को कैमरा, अच्छे इन्टरनेट कनेक्शन और जीपीएस एक्सेेस वाले किसी भी एंड्रॉइट स्माार्टफोन पर इंस्टॉल किया जा सकता है। इस ऐप का प्रयोग करते हुए नागरिक राजनीतिक कदाचार की घटनाओं के घटने के कुछ ही मिनटों में उनकी तत्काल रिपोर्ट कर सकते हैं, जिसके लिए रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं होती। सी-विजिल, सतर्क नागरिकों को जिला नियन्त्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (उड़न दस्तों)/स्थैोतिक निगरानी दलों के साथ जोड़ता है, जिससे एक तीव्र और सटीक रिपोर्टिंग, कार्रवाई और निगरानी प्रणाली सक्रिय होती है।
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों का संक्षेप में विवरण करते हुए एक फोटो खींचें या 2 मिनट का एक वीडियो बनाए तथा शिकायत दर्ज करने से पहले उसका संक्षेप में उल्लेख करें। शिकायत के साथ संलग्न जीआईएस सूचना स्वत: संबंधित जिला नियन्त्रण कक्ष तक पहुँच जाती है, जिसके फलस्वरूप उड़नदस्ता कुछ ही मिनटों में घटनास्थ्ल पर भेजा जा सकता है।
भौगोलिक सूचना प्रणाली द्वारा ऑटोमेटेड लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर फोटो/वीडियो अपलोड की जाती है। इसको सफलतापूर्वक प्रस्तुटत करने के बाद, नागरिक को उसके मोबाइल पर अनुवर्ती अपडेट को प्राप्त और ट्रैक करने के लिए एक विशेष आईडी प्राप्त होती है। इस प्रकार से एक नागरिक कई घटनाओं की रिपोर्ट कर सकता है और बाद की अनुवर्ती अद्यतन जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रत्येक रिपोर्ट के लिए एक विशिष्ट आईडी प्राप्त कर सकता है। ऐप उपभोगकर्ता के पास सी-विजि़ल ऐप के माध्यम से अज्ञात शिकायतें दर्ज करने का विकल्प है। उस स्थिति में मोबाइल नम्बर तथा अन्य प्रोफाइल वितरण को सिस्टम पर नहीं भेजा जाता है। यद्यपि अज्ञात शिकायतों के मामले में उपयोगकर्ता को आगे की स्थिति के संदेश नहीं मिलेंगे क्योंकि सिस्टम फोन के विवरणों को कैप्चसर नहीं करेगा। हालांकि नागरिकों के पास संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से ऐसी शिकायतों पर आगे की कार्रवाई जानने का विकल्प है।
नागरिक एप शिकायत दर्ज करने पर जिला नियन्त्रण कक्ष में सूचना बीप के रूप में बजती है जहां से इसे फील्ड यूनिट को सौंपा जाता है। एक फील्ड यूनिट में उड़नदस्ता स्थिर निगरानी दल रिजर्व टीम इत्यादि शामिल होते हैं। प्रत्येाक फील्ड यूनिट के पास ‘सी-विजि़ल इन्वेस्टीगेटर’ नामक एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होती है, जो फील्ड यूनिट को जीआईएस और नेविगेशन तकनीक और कार्रवाई करने का अनुसरण करते हुए लोकेशन तक पहुँचता है।
फील्ड यूनिट द्वारा शिकायत पर कार्रवाई करने के बाद, उनके द्वारा फील्ड रिपोर्ट को जांच एवं निपटान हेतु संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को अन्वेषक ऐप (इन्वेस्टीगेटर एप) के माध्यम से ऑनलाइन भेजा जाता है। यदि घटना सही पाई जाती है तो यह सूचना आगे की कार्रवाई हेतु भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर भेजी जाती है और इसकी सूचना सतर्क नागरिक को 100 मिनट के भीतर दे दी जाती है। इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए ऐप में प्रावधान भी है।

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