आयकर विभाग की रिओपनिंग कार्रवाई को लेकर टीपीए ने सौंपा ज्ञापन

  
Last Updated:  June 3, 2022 " 08:00 pm"

इंदौर : टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत आयकर विभाग द्वारा की जा रही रिओपनिंग की कार्रवाई के सम्बंध में प्रधान आयकर आयुक्त एस बी प्रसाद को ज्ञापन सौंपा गया।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि देश की विभिन्न हाई कोर्ट्स ने आयकर विभाग द्वारा 01/04/2021 से 30/06/2021 के मध्य आयकर की धारा 147/148, जो 31/03/2021 तक ही प्रभावशाली थी, के रिओपनिंग के नोटिस जारी किए थेl उक्त नोटिसेस के विरुद्ध देश की विभिन्न है हाई कोर्ट ने आयकर विभाग के विरुद्ध निर्णय दिया तथा ऐसे नोटिस को इनवैलिड करार दियाl
उक्त सभी हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने संशोथित करते हुए यह निर्णय दिया कि आयकर विभाग को आयकर की नई धारा 148 जो कि 01/04/2021 से प्रभावशाली है; के अनुसार ऐसे नोटिस जारी करना होंगेl

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया कि ऐसे नोटिस जिनकी पुरे भारत में संख्या करीब 90,000 थी, को नए संशोधित कानून के अनुसार पुनः नोटिस जारी करने के लिए सीबीडीटी ने दिनांक 11 मई 2022 को एसओपी जारी की, जिसके अनुसार ही विभाग को नए नोटिस जारी करने की पात्रता थीl
टीपीए द्वारा दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि सीबीडीटी के द्वारा जारी की गई एसओपी के अनुसार नई धारा 148 में आयकर अधिकारी को करदाता के अधिकारों का पूरा ध्यान रखना है जिसमे करदाता को नोटिस का रिप्लाई करने के लिए 2 सप्ताह का समय, कर निर्धारण वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 के सम्बन्ध में आयकर अधिकारी सिर्फ तभी नोटिस जारी करेगा जब कर अपवंचन 50 लाख या अधिक हो, करदाता द्वारा जो भी जवाब दिया जाएगा उसे आयकर अधिकारी द्वारा संज्ञान में लेना आवश्यक होगा तथा अपने आदेश में उसका उल्लेख भी करना होगा।

ज्ञापन में कहा गया कि वस्तुस्थिति में आयकर अधिकारीयों द्वारा हड़बड़ी में धारा 148 के नोटिस तथा 148-A के आदेश जारी किए जिससे कानून की भावना का पालन नहीं हो रहा है। अतः आयकर अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि कानून द्वारा बताए प्रोसीजर का पूरीतरह पालन करते हुए वैधानिक कार्रवाई का निष्पादन करें अन्यथा कर प्रशासन में विवाद की स्थिति पैदा होकर करदाता को हाई कोर्ट या सक्षम अधिकारी के पास अपील फाइल करना होगी। विभाग की दृष्टी से भी ऐसी डिस्प्यूटेड टैक्स डिमांड खड़ी रहेगी जो वसूली योग्य नहीं है l

ज्ञापन देने के दौरान इस अवसर पर टीपीए के पास्ट प्रेसिडेंट सीए मनोज गुप्ता भी मौजूद थे l

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