देश की पहली लौह निर्मित प्रतिकृति है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के निर्देशन में दिया जा रहा प्रतिकृति को आकार।
इंदौर : महापौर पुष्यमित्रभार्गव के निर्देशन में श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति आयरन वेस्ट से बनाई जा रही है। इस प्रतिकृति में नगर निगम के पुराने वाहनो के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खम्बे, पुराने ख़राब झूले,पुरानी टूटी हुई फिसलपट्टिया, पुराने वाहनो के चद्दर, पुरानी गाड़ियो के गियर पार्ट्स, नट बोल्ट्स, पार्को की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स आदि पुराने लोहे का उपयोग किया जा रहा है ।
इस आयरन वेस्ट से श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति पिछले 65 दिन से लगातार 15 से 20 कलाकारों द्वारा बनाई जा रही है।
लोहे से बनीं भारत की पहली श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति।
श्रीराम मंदिर प्रतिकृति के निर्माण में लगभग 21 टन लोहा लगा है। इसकी उचाई 27 फीट ,चौड़ाई 26 फीट और लंबाई 40 फीट है। लोहे से बनी इतनी बड़ी प्रतिकृति पूरे भारत में पहली ही होगी। इस प्रतिकृति को बनाने में आर्टिस्ट उज्जवल सिंह सोलंकी लोकेश राठौर वेल्डर आसिफ़ ख़ान और इनकी पूरी टीम जुटी हुई है।
ये ख़ास है प्रतिकृति में ।
राम मंदिर की प्रतिकृति धातु के स्क्रैप मटेरियल से वेस्ट टू आर्ट के तहत बेहद खूबसूरत और नक्काशीदार बनाई गई है। यह प्रतिकृति अयोध्या में बने भगवान राम मंदिर का अद्वितीय चित्रण है।