कशिश के गायन और फ्लूट सिस्टर्स के बासुरी वादन ने खूब जमाया रंग

  
Last Updated:  January 17, 2019 " 12:31 pm"

इंदौर- उस्ताद अमीर खां की याद में आयोजित ‘राग अमीर’ के दूसरे दिन रवींद्र नाट्य गृह में संगीत रसिकों की खासी मौजूदगी नजर आयी। बीते कुछ वर्षों से ये संगीत समारोह केवल रस्म अदायगी बनकर रह गया था। अमीर खां साहब के सुपुत्र अभिनेता शाहबाज खान भी इससे दुखी थे। कई मौकों पर उन्होंने अपने इस दर्द को बयां भी किया था। हाल ही में संस्कृति मंत्री विजयालक्ष्मी साधौ शहर की कलाकार बिरादरी से संवाद साधने इंदौर प्रेस क्लब पधारी थी, उस दौरान भी मुम्बई से मोबाइल के जरिये उन्होंने अपना दर्द संस्कृति मंत्री के सामने बयां किया था।
अब इसे संस्कृति मंत्री की पहल कहें या आयोजकों की सक्रियता इस बार राग अमीर को श्रोताओं का टोटा महसूस नहीं हो रहा है। हालांकि पहले दिन जरूर रसिकों की उपस्थिति कम थी।
दूसरे दिन याने बुधवार शाम जिस स्तरीय गायन- वादन सुनने की आस लिए श्रोता आए थे उन्हें निराश नहीं होना पड़ा। आईआईटी पास आउट युवा गायक कशिश के गायन में वो उस्तादों वाली कशिश नजर आई कि सुनकार वाह- वाह कर उठे। तबले पर उल्हास राजहंस और हारमोनियम पर विवेक बंसोड़ ने बखूबी उनका साथ निभाया।
कशिश के बाद मुरली की तान छेड़नेवाली फ्लूट सिस्टर्स ने भी खूब रंग जमाया। सुचिस्मिता और देवोप्रिया चटर्जी की फूँक से निकलती बांसुरी की जादुई लहरियां जैसे कानों में रास घोल रही थी। तबले पर हितेंद्र दीक्षित ने उनका साथ सहज और प्रभावी ढंग से निभाया।
अभिनेता शाहबाज खान पूरे समय कार्यक्रम में मौजूद रहे। कलाकारों के स्वागत की परंपरा उन्होंने ही निभाई।

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