160 स्कूलों के बच्चों ने प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों पर बनाए 41 हजार से अधिक चित्र
दशहरा मैदान पर अस्थाई कला दीर्घा में प्रदर्शित किए गए सभी चित्र।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सहित तीन वैश्विक संस्थाओं ने दर्ज किया यह विश्व कीर्तिमान।
कार्यक्रम में रामलीला का भी किया गया मंचन।
इंदौर : अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक लम्हा जैसे – जैसे करीब आ रहा है, देवी अहिल्या की नगरी इंदौर भी राममय होती जा रही है। दीपावली जैसा उल्लास हर जगह छाया हुआ है, पर प्रधानमंत्री मोदी के कहे अनुसार इंदौर एक दौर है जो हमेशा कुछ नया करता है। स्वच्छता में लगातार सातवी बार नंबर वन का तमगा हासिल करने वाले इंदौर शहर ने प्रभु श्रीराम के अयोध्या में विराजमान होने की खुशी में एक ऐसा इतिहास रच दिया जो विश्व कीर्तिमान के रूप में दर्ज हो गया। यह विश्व कीर्तिमान सीबीएसई स्कूलों के बच्चों ने रचा।
श्रीराम की जीवनगाथा पर 41 हजार से अधिक चित्र बनाकर किए प्रदर्शित।
दरअसल, प्रभु श्रीराम के अपने जन्मस्थान पर विधि विधान के साथ विराजित होने की खुशी में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अगुवाई में विधायक रमेश मेंदोला, गौरव रणदिवे, अनएडेड सीबीएसई स्कूल एसो. के अध्यक्ष अनिल धूपर, इंदौर नगर निगम और सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स, इंदौर की अध्यक्ष इसाबेल स्वामी, एमरल्ड हाइट्स के निदेशक मुक्तेश्वर सिंह और मोहित यादव ने मिलकर सीबीएसई स्कूलों के बच्चों से प्रभु श्रीराम की जीवनगाथा पर केंद्रित चित्र बनवाकर उन्हें प्रदर्शित करते हुए विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का प्रण लिया। सभी इस काम में लग गए और 160 से अधिक सीबीएसई स्कूलों के बच्चों ने प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों पर 41,128 चित्र बनाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सहित तीन वैश्विक संस्थाओं ने दर्ज किया विश्व रिकॉर्ड।
बच्चों द्वारा बनाए गए प्रभु श्रीराम के जीवन पर आधारित ये 41हजार से अधिक चित्र शुक्रवार को दशहरा मैदान पर अस्थाई कला दीर्घा बनाकर प्रदर्शित किए गए। यहां वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने तमाम चित्रों का अवलोकन कर निर्धारित प्रक्रिया पूरी करते हुए इसे विश्व रिकॉर्ड के रूप में दर्ज कर लिया। इस आशय के प्रमाणपत्र भी महापौर व सीबीएसई स्कूलों के पदाधिकारियों को सौंपे गए।
रामलीला का किया गया प्रभावी मंचन।
इस मौके पर हजारों स्कूली बच्चों की मौजूदगी में भगवान श्रीराम पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। एनी बिसेन्ट स्कूल के बच्चों ने सबसे पहले धमाकेदार अंदाज में गणेश वंदना पेश की। इसके बाद एनपीएस स्कूल के विद्यार्थियों ने रामाष्टक की प्रस्तुति दी। तीसरी प्रस्तुति के रूप में एमरल्ड हाइट्स स्कूल के बच्चों ने रामलीला का मंचन किया। प्रभु श्रीराम के जन्म से लेकर लंका विजय तक के तमाम प्रसंगों को इस रामलीला में पेश किया गया। बच्चों की प्रसंगानुरूप वेशभूषा, अभिनय, नृत्य और गीत – संगीत के अद्भुत तालमेल से सजी इस रामलीला की बच्चों के साथ अतिथि के बतौर मौजूद कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ व मधु वर्मा ने भी जोरदार तालियां बजाकर सराहना की। बाद में उपस्थित लोगों की मांग पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ‘मेरी झोपडी में आज राम आएंगे’ भजन गाकर समूचे माहौल में रामभक्ति का अलख जगा दिया। विजयवर्गीय के साथ सुर से सुर मिलाते हुए हजारों बच्चों ने भी इस भजन का भरपूर आनंद लिया। ऐसा लग रहा था मानों श्रीराम भक्ति का समूचा उल्लास दशहरा मैदान में सिमट आया हो।
बच्चों के शिक्षक,परिजन और बड़ी संख्या में शहर के बाशिदों ने भी दशहरा मैदान पहुंचकर कार्यक्रम का आनंद लेने के साथ बच्चों द्वारा बनाए हजारों चित्रों का अवलोकन किया और विश्व कीर्तिमान स्थापित करने पर उन्हें बधाई दी।