इंदौर : कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में इंदौर जिला आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिले में 41 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य जारी है। 15 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य पूरा हो गया है। शेष अस्पतालों में अगले माह तक पूरा हो जाएगा। सभी 41 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाने से जिले में मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगा।
यह जानकारी अस्पतालों में लगाए जा रहे ऑक्सीजन प्लांट की प्रगति की समीक्षा के लिए गठित समिति के निरीक्षण के दौरान दी गई। बुधवार को समिति के अध्यक्ष मधु वर्मा, सदस्य डॉ. निशांत खरे, समिति के सचिव अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने विभिन्न अस्पतालों का भ्रमण कर ऑक्सीजन प्लांट लगाने का मौका मुआयना कर काम की प्रगति की समीक्षा की। बता दें कि कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के कार्य को तेजी से और गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए समिति का गठन किया है। समिति ने अपने भ्रमण की शुरूआत एमटीएच अस्पताल से की। इस अवसर पर बताया गया कि यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य पूरा हो गया है। इसके बाद समिति ने एसएनजी, एसएमएस सिनर्जी तथा इंडेक्स अस्पताल पहुंचकर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के कार्य की समीक्षा की। इस अवसर पर बताया गया कि एसएनजी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो गया है। इसी तरह एसएमएस सिनर्जी अस्पताल के भ्रमण के दौरान बताया गया कि यहां भी प्लांट स्थापित हो गया है, प्लांट लगने से मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध रहेगा। इंडेक्स अस्पताल के भ्रमण के दौरान बताया गया कि यहां प्लांट लगाने का कार्य पूरा हो गया है।
समिति को बताया गया कि इंदौर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। जिले में 52 करोड़ रूपए की लागत से 41 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें से 15 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो गए हैं। शेष 26 ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्य आगामी 15 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। समिति के अध्यक्ष मधु वर्मा ने निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य हर हाल में निर्धारित अवधि तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि सभी प्लांट शुरू हो जाने से जिले में पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता रहेगी। जरूरत पड़ने पर निजी क्षेत्र के औद्योगिक संस्थानों से भी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलेगी। जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।