इन्दौर : इन्दौर पुलिस द्वारा कोरोना महामारी में उपयोगी प्लाज्मा थैरेपी के लिए चलाए जा रहे प्लाज्मा शक्ति अभियान के तहत विशेषज्ञों से चर्चा के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया। डीआईजी मनीष कपूरिया की अगुवाई में सम्पन्न हुए इस वेबिनार में डाॅ विनिता कोठारी निर्देशक सेंट्रल लैब इन्दौर, डाॅ अशोक यादव निर्देशक ब्लड बैंक एमवायएच इन्दौर, पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अरविंद तिवारी, रचना जौहरी एक्जीक्युटिव प्रोडुसर वाॅक प्रोडक्शन, उप पुलिस अधीक्षक लाइन अजीत सिंह चौहान, उप पुलिस अधीक्षक उमाकांत चौधरी,अविनाश चंदपुरी आरएफएसएल इन्दौर सहित अन्य पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों ने भाग लिया गया। वेबिनार का संचालन करतें हुए कार्यक्रम की संयोजक मनीषा पाठक सोनी ने सभी प्रतिभागियों के स्वागत किया।
एंटीबॉडी को लेकर दी गई जानकारी।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने एंटीबाॅडी को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एंटीबाॅडी दो प्रकार की होती है, एक्टिव एवं पेसिव, एक्टिव एंटीबाॅडी वैक्सिन से मिलती है और पेसिव एंटीबाॅडी इंफेक्शन से बनती है। उन्होनें बताया कि एंटीबाॅडीे एवं पुलिसकर्मी मे समानता होती है, जिस प्रकार वे असामाजिक तत्वों से हमारी रक्षा करते हैं। उसी प्रकार स्किन के पीछे ब्लड के थ्रू सेल रहते हैं। किसी इंफेक्शन को देखते ही फर्स्ट बाॅडी सेल उस पर पुरी ताकत से अटैक कर देते हैं। शरीर की एंटीबाॅडी वायरस से नही लड पाती है। इसपर मरीज को प्लाज्मा थैरेपी दी जाती है जिसमें मरीज को रेडिमेड एंटीबाॅडी मिल जाती है। इससे गंभीर मरीज को भी ठीक किया जा सकता है।
28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
वेबिनार में बताया गया कि कोविड पॉजिटिव व्यक्ति 28 दिन के बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। उसकी उम्र 18-60 वर्ष, वजन 50 किलो हो और वह रक्तदान के प्रोटोकाॅल को पुरा करता हो। प्लाज्मा डोनेट करने के लिए एंटीबाॅडी टेस्ट होना जरूरी है।
प्लाज्मा डोनरों ने सुनाए अनुभव।
कार्यक्रम के दौरान प्लाज्मा डोनेट करने वाले अजीत सिंह चौहान, उमाकांत चौधरी, अविनाश पुरी ने अनुभव बताते हुए बताया कि यह सरल व पूरीतरह सुरक्षित प्रक्रिया है। इससे कोई कमजोरी नही होती है। उन्होने कोरोना से ठीक हुए अन्य लोगों से भी प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की।
इफेक्टिव थेरेपी है प्लाज्मा।
डीआईजी मनीष कपूरिया ने वेबिनार में प्लाज्मा डोनेट करने को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करनें के लिए विशेषज्ञों को धन्यवाद दिया। उन्होने बताया कि कोरोना महामारी का कोई ट्रीटमेंट नही होने से प्लाज्मा थैरेपी इफेक्टिव थैरेपी है। यदि मरीज को समय पर प्लाज्मा दिया जाए तो मरीज जल्दी रिकवर करता है। डीआईजी कपूरिया ने कोरोना से संक्रमित हुए पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को प्रोत्साहित करतें हुए प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अन्त में सवाल- जवाब का दौर भी चला जिसमें विशेषज्ञों से प्रतिभागियों ने प्रश्न किए। विशेषज्ञों ने उनके समाधान कारक जवाब भी दिए। पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अरविंद तिवारी ने वेबिनार में भाग लेने वाले सभी विशेषज्ञों और अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया।