इंदौर : इंदौर प्रेस क्लब के पूर्व महासचिव नवनीत शुक्ला एवं अन्य सदस्य विनोद शर्मा, जितेन्द्र माहेश्वरी और देवानंद शिंदे द्वारा इंदौर प्रेस क्लब के निर्वाचन 2020 के चुनाव शून्य घोषित करने और स्थायी निषेधाज्ञा लागू करने के संबंध में लगाए गए वाद को न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
इंदौर प्रेस क्लब के अधिवक्ता सौरभ मिश्रा और आदर्श तिवारी ने बताया कि नवनीत शुक्ला व अन्य द्वारा एक वाद घोषणा एवं स्थायी निषेधाज्ञा बाबद इंदौर प्रेस क्लब एवं उसकी चुनी हुई प्रबंधकारिणी समिति के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया था। इसमें इंदौर प्रेस क्लब के निर्वाचन वर्ष 2020 की मतदाता सूची में गड़बड़ी एवं उसमें मनमाने ढंग से सदस्यों के नाम कम किए जाने का हवाला देकर निर्वाचन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी।
इंदौर प्रेस क्लब द्वारा वादी के उक्त वाद को निरस्त किए जाने हेतु न्यायालय में इस आशय का आवेदन प्रस्तुत किया था कि वादी नवनीत शुक्ला वर्ष 2020 के निर्वाचन के पूर्व प्रबंधकारिणी समिति में महासचिव के जिम्मेदार पद पर थे। मतदाता सूची बनाने में संस्था के महासचिव होने के नाते उनका महत्वपूर्ण योगदान था। साथ ही उनके द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया में भाग भी लिया गया था। निर्वाचन के समय किसी प्रकार की कोई आपत्ति उनके द्वारा नहीं ली गई थी।उन्होंने उक्त वाद न्यायालय में प्रस्तुत करने के पूर्व इंदौर प्रेस क्लब के पंजीकृत विधान की धारा 16 में उल्लेखित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए उक्त वाद प्रस्तुत किया था।
इंदौर प्रेस क्लब के अधिवक्ता सौरभ मिश्रा और आदर्श तिवारी के तर्कों से सहमत होकर 13वें व्यवहार न्यायाधीश सुरभि सिंह सुमन द्वारा प्रतिवादीगण की ओर से प्रस्तुत आवेदन स्वीकार कर वादी नवनीत शुक्ला व अन्य द्वारा प्रस्तुत वाद को आवेदन पत्र में उल्लेखित आधारों पर अपने आदेश दिनांक 25-1-2022 द्वारा उक्त वाद निरस्त कर दिया गया।