प्रदेश सरकार पीपीपी मोड पर करवाना चाहती है एयरपोर्ट का निर्माण।
एमपीआईडीसी ने देश की कई बड़ी कंपनियों को पीपीपी मॉडल पर एयरपोर्ट बनाने का भेजा था प्रस्ताव।
इंदौर : इंदौर में नया इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने को लेकर सरकार गंभीरता तो दिखा रही है लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इंदौर में नया एयरपोर्ट बनाने के लिए देश और दुनिया की किसी भी बड़ी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। इसके चलते एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट कागजों पर भी उड़ान नहीं भर पा रहा है।
बता दें कि इंदौर के मौजूदा एयरपोर्ट के विस्तार में आ रही अड़चनों और भविष्य में विस्तार की बड़ी जरुरत को देखते हुए इंदौर में नया एयरपोर्ट बनाने की कवायद की जा रही है। कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट का मुख्य मकसद कार्गो हेंडलिंग होगा। इसके लिए पहले सीहोर के पास और बाद में चापड़ा में जमीनें देखी गई थीं। अब देपालपुर के पास बनेडिय़ा और धार के दिग्ठान में भी एयरपोर्ट के लिए जमीनें देखी जा रही है।
पीपीपी मोड पर एयरपोर्ट बनाना चाहती है सरकार।
शासन की योजना है कि इंदौर में नया एयरपोर्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर बनाया जाए। इस पूरे प्रोजेक्ट की कमान मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआईडीसी) ने संभाल रखी है।बताया जा रहा है कि इंदौर में नया एयरपोर्ट बनाने के लिए एमपीआईडीसी ने देश-दुनिया की कई बड़ी कंपनियों को प्रस्ताव भेजते हुए संपर्क किया है लेकिन अब तक किसी भी कंपनी ने इसके लिए रुचि नहीं दिखाई है। इसके चलते पूरा प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है।
5 हजार करोड़ से ज्यादा का होगा प्रोजेक्ट।
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के आसपास नया एयरपोर्ट बनाए जाने के लिए बड़ी मात्रा में जमीन और संसाधनों की जरुरत होगी। इसके साथ ही भविष्य की जरुरतों को देखते हुए पूरा एयरपोर्ट तैयार करने में पांच हजार करोड़ से ज्यादा के खर्च का अनुमान है। राज्य शासन यह राशि खर्च नहीं करना चाहता, इसलिए इस काम के लिए निजी कंपनी की सबसे ज्यादा जरुरत है। लेकिन अब तक जिन कंपनियों से संपर्क किया गया है उनकी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया ना मिलने से इस प्रोजेक्ट के लंबित होने की आशंका जताई जा रही है।