इंदौर : देश के सबसे स्वच्छ शहर मध्यप्रदेश के इंदौर में निर्माण से जुड़ा मलबा यहां-वहां फेंकना अब लोगों को महंगा पड़ेगा। शहर में कहीं भी सीएंडडी (कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन)वेस्ट फेंकने वालों पर नगर निगम एक बार फिर सख्ती करने जा रहा है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर की खूबसूरती पर दाग लगाने वाले लोगों की पहचान कर उन पर पांच हजार रुपए का स्पॉट फाइन किया जाए। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि आईएमसी प्रशासन ने अपने भवन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई व्यक्ति नए निर्माण किए जाने और पुराने निर्माण ढहाए जाने के दौरान निकलने वाले मलबे को खुले मैदानों या अन्य स्थानों पर अनाधिकृत रूप से फेंकता पाया जाता है, तो उससे कम से कम 5,000 रुपये का जुर्माना मौके पर ही वसूला जाए।
पैसे देकर उठवा सकते हैं मलबा।
निगम अधिकारी के अनुसार स्थानीय नागरिक निर्माण से जुड़े मलबे के निपटारे के लिए ‘इंदौर 311’ मोबाइल ऐप के माध्यम से आईएमसी प्रशासन को सूचना दे सकते हैं और निर्धारित शुल्क चुकाकर कर उसे उठवा सकते हैं। इस बीच, केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के लिए आईएमसी के सलाहकार असद वारसी ने बताया कि शहर में निर्माण मलबे के प्रसंस्करण से ईंटें, मेनहोल के ढक्कन, इंटरलॉकिंग टाइल्स और अन्य सामग्री बनाई जा रही है.वारसी ने बताया, ‘ये सामग्री उस संयंत्र में बनाई जा रही है जो हर रोज 100 टन निर्माण मलबे का प्रसंस्करण कर सकता है. शहर में निर्माण गतिविधियों में तेजी आने के मद्देनजर इस संयंत्र की क्षमता पांच गुना बढ़ाकर 500 टन प्रतिदिन की जा रही है.’ बता दें कि शहर में औसतन 300 टन निर्माण मलबा हर रोज निकलता है।