इंदौर : चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ का खतरा इंदौर के साथ ही मप्र से भी लगभग टल गया है। हालांकि तूफान के असर से इंदौर- उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य संभागों में भी कहीं धीमीं तो कहीं तेज बारिश हुई। प्रदेश सरकार ने तूफान के चलते अलर्ट जारी किया था। इंदौर सहित सभी जिलों में बचाव दलों को मुस्तैद रहने को कहा गया था लेकिन बिना कोई तबाही मचाई निसर्ग तूफान के खंडवा के रास्ते आगे बढ़ जाने से सभी ने राहत की सांस ली।
इंदौर में खिली धूप..
अरब सागर से उठे तूफान निसर्ग ने महाराष्ट्र, गुजरात के तटीय इलाकों में भारी रौद्र रूप दिखाया था। उसके पश्चिमी मप्र का रुख करने से आशंका जताई जा रही थी कि मालवा- निमाड़ सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में भी ये कहर बरपाएगा। इसी के चलते सभी जिलों में प्रशासन को अलर्ट मोड़ पर रखा गया था। इंदौर में भी जिला व पुलिस प्रशासन के साथ नगर निगम, फायर ब्रिगेड, होमगार्ड, एसडीआरएफ और विद्युत विभाग के दस्ते किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैनात रखे गए थे।
रात से ही शुरू हो गया था तेज हवा और बारिश का दौर..
बुधवार रात से ही निसर्ग तूफान का असर दिखना शुरू हो गया था। तेज हवा के साथ बूंदाबांदी होने लगी थी। देर रात को इंदौर सहित आसपास के जिलों में झमाझम बारिश होने लगी जो गुरुवार सुबह तक जारी रही। ऐसा लग रहा था कि बारिश का ये दौर उग्र रूप धारण कर लेगा पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। सुबह 11 बजे बाद तो बारिश, रिमझिम फुहारों में बदल गई थी। दोपहर होते- होते वो भी बंद हो गई। बादलों की ओट में छुपे सूर्यदेव भी अपना तेज बिखेरने को बेताब नजर आने लगे थे और ऐसा ही हुआ। ढलती दोपहर में धूप खिल गई। सूर्य के प्रखर होते ही मौसम में घुली ठंडक एकाएक गायब हो गई और उसकी जगह उमस ने ले ली। लोग भी मौसम के पल- पल बदलते रंग देखकर हैरान हो गए।बाद में पता चला निसर्ग तूफान रास्ता बदलकर आगे निकल गया है। इससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
इंदौर में 2 इंच हुई बारिश..
निसर्ग तूफान इंदौर से भले ही कन्नी काटकर निकल गया पर उसके असर से 12 घंटों में ही करीब 2 इंच बारिश हो गई। उज्जैन, देवास, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, बुरहानपुर आदि आसपास के जिलों में भी अच्छी बारिश होने की खबर मिली है। इंदौर में तेज हवा से 5- 6 स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं हुई पर किसी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई। कुछ स्थानों पर बिजली की लाइनों में फाल्ट की शिकायत भी मिली जिन्हें समय रहते ठीक कर दिया गया। कुल मिलाकर इंदौर व मप्र निसर्ग तूफान के कहर से बच गए।