इंदौर : कोरोना महामारीं ने एक ईमानदार व सौम्य छवि के धनी कांग्रेसी नेता अजय राठौर को भी हमसे छीन लिया। रविवार को निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।नियति की निष्ठुरता देखिए कि कुछ दिन पहले ही उनके दो भतीजे भी कोरोना के चलते ही काल के गाल में समा गए थे।
स्व. माधवराव सिंधिया के कट्टर समर्थक रहे अजय राठौर एक बेहतरीन शख्सियत के साथ नेक दिल इंसान थे। कांग्रेस और भाजपा से परे उन्होंने अपने चाहने वालों की लंबी फौज अपने आचरण और व्यवहार के दम पर बना रखी थी। तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं और गणमान्य लोगों ने अजय राठौर के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
विवि छात्रसंघ के रहे अध्यक्ष।
अजय राठौर ने छात्र राजनीति की पायदान चढ़ते हुए सक्रिय राजनीति में आए। क्रिश्चियन कॉलेज के साथ वे तत्कालीन इंदौर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के भी अध्यक्ष बने।
1983 में पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।अजय राठौर ने क्षेत्र क्रमांक 2 से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ विधानसभा का चुनाव पूरी सादगी के साथ लड़े। दिग्विजय सिंह सरकार में उन्हें खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। ग्वालियर महाराज माधवराव सिंधिया का उन पर गहरा प्रभाव रहा। उनके निधन के बाद अजय राठौर ने पद, प्रतिष्ठा की राजनीति से तौबा कर ली पर कांग्रेस के कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति वे हमेशा दर्ज करवाते रहे।
रीगल तिराहा स्थित खादीवाला पेट्रोल पंप पर उनकी बैठक थी। रोज शाम को वे अपने मित्रों से वहीं मेल मुलाकात कर लिया करते थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार शाम ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सिंधिया ने जताया शोक।
बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय राठौर के निधन पर गहरी संवेदनाएँ जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। अपने ट्वीट के जरिए सिंधिया ने कहा है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और शोकसंतप्त परिवार को यह दुःख सहने की शक्ति दें।