इंदौर : जिला न्यायालय की जेएमएफसी अदालत में दायर निजी परिवाद में एचडीएफसी बैंक के एमडी सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर एफआईआर दर्ज की गई है। ये प्रकरण धोखाधड़ी, अवैध वसूली सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में दर्ज किया गया है। ये है मामला :-
इंदौर के बंगाली चौराहा स्थित परिवादी कंपनी महाकाली फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने एचडीएफसी बैंक की बॉम्बे हॉस्पिटल क्षेत्र स्थित शाखा से 10 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसके लिए बैंक द्वारा 8.15% से 9.15% तक वार्षिक ब्याज दर बताई गई थी, लेकिन बैंक ने वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक लोन की समयावधि के दौरान 8.25% से ले कर 11.45% तक वार्षिक ब्याज अधिरोपित करते हुए ब्याज एवं अन्य शुल्क के नाम पर 65 लाख रुपये से अधिक राशि वसूल कर ली। ये राशि एचडीएफसी द्वारा ऑटो डेबिट सिस्टम (AUTO DEBIT SYSTEM) के माध्यम से सीधे महाकाली फूड्स के बैंक खाते से काट ली जाती थी।
महाकाली फूड्स के निदेशक पंकज साहा द्वारा अधिक राशि की वसूली को लेकर कई बार एचडीएफसी बैंक को पत्र एवं ईमेल भेजे गए लेकिन बैंक ने कभी भी लिखित जवाब नहीं दिया।
एचडीएफसी बैंक द्वारा यह दबाव भी बनाया गया कि परिवादी कंपनी द्वारा लिए गए लोन को चुकता करने के बाद ही अधिक ब्याज एवं अन्य शुल्क के नाम पर वसूली गई राशि का संज्ञान लिया जाएगा।
महाकाली फूड्स के अधिवक्ता सुमित मंडलोई बताया कि उनके पक्षकार ने संपूर्ण लोन को चुकता करने के बाद एचडीएफसी बैंक से वर्ष 2022 में NOC भी प्राप्त कर ली परन्तु उसके बाद भी बैंक ने अधिक वसूली गई राशि को वापस नहीं किया। इस प्रकार वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2022 की समयावधि में एचडीएफसी बैंक ने अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल करते हुए महाकाली फूड्स से 65 लाख से अधिक राशि मनमाना ब्याज और शुल्क लगाकर हड़प ली।
महाकाली फूड्स तर्फे डायरेक्टर पंकज साहा ने बताया कि उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा की गई इस धोखाधड़ी के खिलाफ पुलिस थाने में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन उसके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर अधिवक्ता सुमित मंडलोई के माध्यम से निजी परिवाद जेएमएफसी कोर्ट में दायर किया। इसपर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने एचडीएफसी बैंक के एमडी व अन्य अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 417, 409, 120बी और अन्य गैर जमानती धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है। बैंक ने अधिक वसूली गई राशि लौटाने का दिया था आश्वासन। परिवादी के अधिवक्ता सुमित मंडलोई ने बताया कि एचडीएफसी बैंक ने निर्धारित ब्याज दर से अधिक राशि वसूलने की बात को मान्य करते हुए उक्त राशि लौटाने का लिखित आश्वासन दिया था पर उसे पूरा नहीं किया। मामले में अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी तय की गई है।