एटीएम मशीनों से चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाली अन्तर्राज्यीय गैंग पकड़ाई। कबूली 3 दर्जन से अधिक वारदातें

  
Last Updated:  September 13, 2021 " 07:23 pm"

इंदौर : एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाली अन्तर्राज्यीय गैंग को इंदौर पुलिस ने धर- दबोचा। क्राइम ब्रांच इंदौर व थाना परदेशीपुरा की इस संयुक्त कार्रवाई में गैंग के तीन आरोपियों को अवैध हथियार पिस्टल व कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया।
तीनों आरोपियों से 03 अवैध पिस्टल, 06 जिन्दा कारतूस, एक चार पहिया वाहन, एटीएम मशीनों से रूपए चोरी करने में प्रयुक्त चिमटानुमा, तारनुमा व पेचकस आदि उपकरण, 06 एटीएम कार्ड और नकदी 49,800/- रुपए बरामद किए गए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने इंदौर व अन्य शहरो में एटीएम मशीनों से 03 दर्जन से अधिक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है।
आरोपीगण विशेष उपकरण बनवाकर एटीएम मशीन से छेड़छाड़ कर वारदात को अंजाम देते थे।
मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच टीम व थाना परदेशीपुरा द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए एमआर-4 रोड घटना स्थल भंडारी मिल ब्रिज के नीचे मुखबिर के बताए एक्सयूवी सफेद वाहन को घेराबंदी कर रोका गया व कुल तीन व्यक्तियों को पकड़ा गया। सख्ती से पूछने पर आरोपियों ने अपने नाम
बजरंग उर्फ सावन पिता राजप्रताप सिंह सोमवंषी उम्र 29 साल नि. ग्राम रेड़ी थाना जेठवारा जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश हालमु. सिविल लाइंस फ्लेट नं. 103 फर्स्ट फ्लोर अल्लापुर प्रयागराज उ.प्र, मेहताब हसन पिता मेहफूज हसन उम्र 32 साल नि. ग्राम महुआर पोस्ट कादिपुर थाना कोतवाली प्रतापगढ़ उ.प्र
ड्रायवर- मनीष कुमार पिता स्व. घनष्याम प्रसाद चौबे उम्र 43 साल नि. 322 जयसिंहनगर, सागर बताया।
आरोपियों के विरूद्ध थाना परदेशीपुरा में अपराध क्रमांक 702/21 धारा 25,27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपियों ने इंदौर शहर में विभिन्न थाना क्षेत्र थाना लसूड़िया, हीरानगर, रावजी बाजार, छोटी ग्वालटोली,चंदनगर, एमजी रोड व परदेषीपुरा में एटीएम मशीनों में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों व म.प्र. के कई शहरों में 03 दर्जन से अधिक घटनाएं कारित की हैं।

यूपी की है लूटेरी गैंग।

उक्त गैंग मूल रूप से प्रतापगढ़ उ.प्र. की रहने वाली है। गैंग का मुखिया बजरंग उर्फ सावन है। जो करीब 2 वर्ष पूर्व एटीएम चोरी से संबंधित मामले में सागर जेल में बंद था। वहां उसकी मुलाकात मनीष चौबे गाड़ी के ड्रायवर से हुई थी। जेल से छूटने के बाद ड्रायवर से संपर्क किया और चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिये गाड़ी बुलवाई। इसके बाद साथियों बजरंग व अन्य को साथ लेकर उक्त घटनाओं को अंजाम दिया। आरोपियों से पूछताछ में अन्य घटनाओं का खुलासा होने की संभावना है।

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