भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र, व्यापार नहीं सेवा है..
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के हीरक जयंती समारोह में बोले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया।
इंदौर : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया रविवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित हीरक जयंती महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित, डॉ. सुमित शुक्ला, चिकित्सकगण और मेडिकल कॉलेज के छात्र रहे चिकित्सक मौजूद रहे।
परिवार, गुरु एवं देश के प्रति सम्मान का भाव कभी ना खोए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज से शिक्षित ऐसे सभी डॉक्टर जिन्होंने प्रदेश, देश एवं विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं, उनका मैं अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति की सफलता से तीन लोग अभिभूत हो उठते हैं, पहले उनके परिवारजन दूसरे उनके गुरु और तीसरा देश। इन तीनों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का भाव कभी खत्म नहीं होना चाहिए। हम सभी का दायित्व है कि हम अपने संस्कारों को हर स्थिति में संजोए रखें। विरासत से जो प्रेरणा लेता है वह अपना भविष्य सुनहरा कर लेता है।
भारत का अपना अनोखा स्वास्थ्य मॉडल है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश की नई स्वास्थ्य नीति बनाई गई है। पिछले एक दशक में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित किया जाने वाला बजट भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हम भारत की तुलना अन्य देशों से ना करें। भारत का अपना यूनिक स्वास्थ्य मॉडल है।हमारा स्वास्थ्य क्षेत्र व्यापार नहीं बल्कि सेवा है। कोरोना काल में जब अन्य देशों के चिकित्सकों ने अस्पताल आने से मना कर दिया था तब हमारे देश के कई डॉक्टर और नर्सो ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के सभी एलुमनाई छात्र-छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा कि वह न केवल उनके कॉलेज, बल्कि देश और प्रदेश के विकास में भी अपना योगदान दे। यह योगदान सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि अपनी स्वास्थ्य सेवाएं जनकल्याण और जनहित में प्रदान करके नए भारत के निर्माण में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अफॉर्डेबल और एक्सेसिबल तभी बन सकता है जब हमारे यहां के चिकित्सक अपनी सेवाएं गांव और दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए खुद से आगे आएं। हमारे मेडिकल इंस्टीट्यूट सिर्फ एक डॉक्टर का निर्माण न करें बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक का भाव भी उनमें रोपण करें।
मेडिकल कॉलेज में बनेगा 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मांग पर आश्वासन दिया कि इंदौर में जल्द ही कैंसर केयर के लिए केंद्र स्तर से व्यवस्था करने के लिए कार्य नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 50 करोड़ की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाया जा रहा था अब इसकी क्षमता 100 बेड की कर दी जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त 50 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता की स्वीकृति वे देंगे।
एमवाय अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाया जाएगा- उप मुख्यमंत्री शुक्ल।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वह कार्य कर दिखाया जो विश्व में कोई नहीं कर सका। भारत में न केवल वैक्सीन का निर्माण हुआ बल्कि वह वैक्सीन विश्व के अन्य देशों तक पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि इंदौर के एमवाय अस्पताल को आदर्श अस्पताल बनाने के लिए शासन से हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है, यहां की स्वास्थ्य अधोसंरचना को बेहतर बनाने के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी जाएगी।
मेडिकल कॉलेज के विशेष डाक टिकट का विमोचन।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा मेडिकल कॉलेज के विशेष डाक टिकट का अनावरण किया गया। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की पत्रिका का विमोचन करने के साथ एलुमनाई पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया।
वरिष्ठ चिकित्सकों किया गया सम्मान।
इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के 3 भूतपूर्व छात्र और वरिष्ठ चिकित्सक श्रीमती लीला जोशी, अरुण दबके श्री पीएस हार्डिया जिन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया है, उन्हें सम्मानित किया गया।