भोपाल : मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एमपी पीएससी परीक्षा की अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का ऐलान किया है। हालांकि यह छूट एक बार ही मिलेगी।
कोरोना काल में परीक्षा नहीं होने से ओवरएज हो गए थे कई युवा।
सीएम शिवराज के अनुसार उन्हें कई बच्चे मिले हैं जिनका कहना था कि कोविड के कारण पिछले वर्षों में पीएससी की परीक्षाएं नहीं हुई या स्थगित हो गई। ऐसे में हजारों युवा ओवरएज हो गए हैं। उन्होंने मुझसे आग्रह किया था कि परीक्षा न होने के कारण जो युवा ओवरएज हुए हैं, उनके साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए एक बार के लिए पीएससी में परीक्षा देने की जो अधिकतम आयु की सीमा है, उसे तीन साल के लिए बढ़ाया जाए। ताकि बच्चों के साथ न्याय हो सके।
सीएम शिवराज ने कहा कि युवाओं के भविष्य को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि पीएससी की जो अधिकतम आयु की सीमा थी, उसमें एक बार के लिए 3 साल की वृद्धि की जाएगी, जिससे बच्चों को न्याय मिल सके। इससे प्रदेश के लाखों छात्रों को फायदा होगा।
दरअसल, एमपी पीएससी की परीक्षा में सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमां 33 साल है। अब एक बार के लिए उन्हें तीन साल की छूट मिलेगी। ऐसे में ओवरएज छात्रों के लिए यह एक बेहतरीन मौका है। वे नए सिरे से तैयारी में जुट सकते हैं। सरकार के फैसले को देखते हुए जल्द ही परीक्षा का ऐलान किया जा सकता है।