इंदौर: मंगलवार शाम 4 बजे के करीब सूचना मिली कि। एमजी रोड स्थित ट्रेजर आइलैंड मॉल में बड़ा हादसा हो गया है। आनन- फानन में तमाम मीडियाकर्मी मौके पर जा पहुंचे। पता चला भूकम्प के झटके आने से टीआई मॉल धराशायी हो गया है और सैकड़ों लोग मलबे में दबे हुए हैं। चारो तरफ चीख- पुकार मची हुई थी। लोग मदद के लिए पुकार रहे थे। थोड़ी ही देर में जिला व पुलिस प्रशासन, नगर निगम, फायर ब्रिगेड और होमगार्ड की टीमें घटनास्थल पर आ गई और राहत व बचाव कार्य शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले उन घायलों को उठाकर अस्पताल रवाना किया जो जमीन पर घायल पड़े होकर कराह रहे थे। पर मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालना बड़े जोखिम का काम था। उसके लिए प्रशिक्षित दल और संसाधनों की जरूरत थी। इसके चलते एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बुलाया गया। कुछ ही समय में तमाम संसाधनों से लैस दोनों बलों के जवान अपने कमांडेंट की अगुवाई में मौके पर आ गए। उन्होंने समूचे क्षेत्र को खाली कराने के साथ राहत और बचाव अभियान शुरू किया। सुनियोजित तरीके से मलबा हटाने के साथ उसमें दबे लोगों को निकालकर स्ट्रेचर और व्हील चेयर के जरिये वहीं स्थापित किये अस्पताल में ले जाया गया। वहां घायलों का प्राथमिक उपचार करने के बाद एम्बुलेंस में उन्हें अस्पताल रवाना किया गया। मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाने में प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड की भी मदद ली गई। बाद में एनडीआरएफ की सीएसएसआर टीम ने खास उपकरणों के जरिये मलबे को काटकर घायलों को बाहर निकाला और उन्हें चिकित्सा उपलब्ध कराई। कुछ घायलों की गंभीर हालत देखते हुए वहीं सीपीआर देकर उनकी जान बचाई गई। मॉल के कूलिंग सिस्टम में इस बीच गैस का रिसाव होने लगा। एनडीआरएफ की एक और विशेषज्ञ टीम सीबीआरएन ने गैस रिसाव रोकने के साथ प्रभावितों को सुरक्षित निकाल लिया। मॉल की ऊपरी मंजिल पर कई लोग फंसे हुए थे। वे मदद की गुहार लगा रहे थे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने संयुक्त रूप से सूझबूझ के साथ रोप वे बनाकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को बेहद कुशलता और समन्वय के साथ अंजाम दिया गया।
मॉक ड्रिल थी समूची कवायद।
दरअसल ये कोई वास्तविक हादसा नहीं था। बल्कि एनडीआरएफ द्वारा की गई मॉक ड्रिल थी। भूकंप अथवा अन्य आपदा के दौरान किसतरह राहत और बचाव अभियान चलाकर लोगों की जान बचाई जा सकती है उसका जीवंत नजारा एनडीआरएफ ने इस मौके ड्रिल के जरिये पेश किया। एसडीआरएफ के साथ सिविल डिफेंस, स्थानीय जिला व पुलिस प्रशासन, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड, नगर- निगम, ncc, nss, स्काउट एंड गाइड, nyk, बीएसएफ और टीआई मॉल के स्टॉफ को भी इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया था ताकि वे भी आपदा के दौरान कीमती जिंदगियां बचा सके।
भारत माता की जय से गुंजा मॉल।
करीब डेढ़ घंटे चली इस मॉक ड्रिल को देखने बड़ी तादाद में शहर के बाशिंदे टीआई मॉल में मौजूद रहे। उन्होंने समूचे ऑपरेशन को अंजाम देनेवाले एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के जवानों की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहना की। मॉक ड्रिल का अंतिम दृश्य बेहद रोमांचित कर देने वाला था जब रेस्क्यू टीम तिरंगे के साथ सलामी देते हुए नीचे उतरी। इस दौरान पूरा मॉल भारत माता की जय के नारे से गूंज उठा।
जागरूक करने का प्रयास।
मॉक ड्रिल के दौरान मौजूद रहे एनडीआरएफ के कमांडेंट कौशलेश राय ने बताया कि प्राकृतिक आपदा कभी कहकर नहीं आती। ऐसे में विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल बिठाकर राहत और बचाव कार्य किसतरह चलाया जाए इसका डिमोन्सट्रशन इस मॉक ड्रिल के जरिये दिया गया। इसीलिए इसे ऑपरेशन समन्वय नाम दिया गया। लोगों को जागरूक करना भी इसका उद्देश्य था। इंदौर के पहले भोपाल और जबलपुर में भी इसतरह की मॉक ड्रिल की गई थी।