इंदौर : गीता भवन में 6 दिसंबर से चल रहे अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव का गुरुवार को समापन हुआ। अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के आचार्य जगद्गुरु स्वामी श्री रामदयाल महाराज ने समापन अवसर पर अपना अध्यक्षीय उदबोधन दिया। उन्होंने कहा कि श्रीमद भगवद गीता एक ऐसा अनुपम ग्रंथ है जो हमारे मानसिक विकारों को मुक्त करता है। गीता का मनन और मंथन करने वाला सत्य की अभिव्यक्ति से पीछे नहीं रह सकता। गीता जीवन को दिव्य दृष्टि प्रदान करने वाला ग्रंथ है। श्री रामदयाल महाराज ने इस मौके पर श्रद्धालुओं और संतों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बेटियों के जन्म व शिक्षा को प्रोत्साहित करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि हमारा देश मातृशक्ति का देश है। कन्या नहीं होगी तो सृष्टि का संचालन भी नहीं हो पाएगा।
अंतिम दिन साध्वी परमानंदा सरस्वती, स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, और स्वामी गोपालानंद सहित अन्य संतों ने भी अपने विचार रखे।
प्रारम्भ में ट्रस्ट मण्डल की ओर से अध्यक्ष गोपालदास मित्तल,मंत्री राम ऐरन, रामविलास राठी, रामचंद राजवानी, महेशचंद्र शास्त्री, प्रेमचंद गोयल, सोमनाथ कोहली, जगतनारायण जोशी और आरके गौड़ ने अतिथि विद्वानों का स्वागत किया। आयोजकों की ओर से महोत्सव में सहयोग देनेवाले दानदाताओं सहित सभी सहयोगियों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्वामी श्री देवकीनंदन दास ने संचालन किया। आभार गोपालदास मित्तल ने माना।
आचार्य पण्डित कल्याण दत्त शर्मा के सान्निध्य में यहां चल रहे विष्णु महायज्ञ की भी पूर्णाहुति हुई। अगला गीता जयंती महोत्सव 23 से 29 दिसंबर 2020 तक आयोजित करने का भी ऐलान किया गया।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के संकल्प के साथ गीता जयंती महोत्सव का समापन
Last Updated: December 13, 2019 " 07:44 am"
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