कमलनाथ के मंत्रिमंडल में संतुलन साधने की कवायद

  
Last Updated:  December 25, 2018 " 02:51 pm"

भोपाल: लंबे विचार- मंथन के बाद सीएम कमलनाथ ने अपना मंत्रिमंडल गठित कर लिया है। शपथ ग्रहण करनेवाले मंत्रियों की सूची पर नजर डालें तो दिखाई देता है कि कमलनाथ ने हर तरह से संतुलन साधने की कोशिश की है।

गुटीय संतुलन

कांग्रेस के गुटीय संतुलन की बात करें तो मंत्रिमंडल में कमलनाथ के 11, दिग्विजय सिंह के 9, सिंधिया के 7 और अरुण यादव खेमे से 1 विधायक को मंत्री बनाया गया है। देखा जाए तो दिग्विजय सिंह यहां भी सिंधिया पर भारी पड़े हैं। उनके समर्थक ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाया गया है।

क्षेत्रीय संतुलन

क्षेत्रीय संतुलन की बात करें तो मालवा- निमाड़ से सबसे अधिक 9 मंत्री बनाए गए हैं। उसकी वजह ये भी है कि कांग्रेस को यहां से भारी सफलता मिली है। मालवा- निमाड़ की 66 में से कांग्रेस को 36 सीटों पर विजय मिली थी। दूसरे स्थान पर मध्य क्षेत्र रहा जहां से 6 विधायक मंत्री बनाए गए।
ग्वालियर- चंबल से 5, महाकौशल से 4, बुंदेलखंड से 3 और विंध्य से 1कांग्रेस विधायक को मंत्री बनाया गया है।

जातीय संतुलन

सीएम कमलनाथ ने मंत्रिमंडल के गठन में जातिगत समीकरण साधने का भी प्रयास किया है। 28 मंत्रियों में ठाकुर-9, पिछड़ा वर्ग-5, एससी- 5, एसटी-4, यादव-3, ब्राह्मण-2 और 1मुस्लिम शामिल हैं। 2 महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है।

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