कलेक्टर ने तय किए कोरोना टेस्टिंग के रेट, ढाई हजार रुपए से ज्यादा नहीं ले सकेंगे निजी लैब

  
Last Updated:  August 30, 2020 " 03:17 pm"

इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह ने निजी अस्पतालों और लैब में मरीजों के की जा रही मनमानी वसूली पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। सीएम शिवराज ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निजी स्कूलों और अस्पतालों की मनमानी पर लगाम कसने के निर्देश दिए थे। उसी निर्देश के अनुपालन में यह आदेश जारी किया गया है।

कोरोना टेस्टिंग का तय किया गया रेट।

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक निजी लैब ₹ 2500 से ज्यादा टेस्टिंग राशि नहीं ले सकेंगे। इसमें घर से कलेक्शन लेने का चार्ज भी शामिल होगा। अभी 4500 से लेकर 5000 रुपए तक की राशि टेस्टिंग के नाम पर वसूल की जा रही है।

10 दिन अस्पताल में रखने की अनिवार्यता खत्म।

कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है अब अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों की ही बाद में टेस्टिंग निजी लैब से होगी। हल्के लक्षण वाले मरीज, जो पूरी तरह स्वस्थ हैं ,उन्हें 3 दिन बाद ही अस्पताल से होम आइसोलेशन में शिफ्ट किया जा सकेगा।अब 10 दिनों तक अस्पताल में रखने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इसके लिए होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के दो डॉक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे अस्पताल के बढ़े हुए बिल से भी मरीज और परिजन बच सकेंगे।
होम आइसोलेशन में भी अब 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकेगा। हालांकि पूरे मेडिकल चेकअप के बाद ही ऐसा किया जा सकेगा। कोई मरीज अगर किसी अस्पताल में भर्ती है और वह अन्य अस्पताल में शिफ्ट होना चाहता है तो अपनी सहमति पर वहां से शिफ्ट हो सकेगा। इसके साथ ही किसी विशेष दवाई या इंजेक्शन की खरीदी के लिए भी अस्पताल प्रबंधन मरीज या परिजनों पर दबाव नहीं डाल सकेंगे। बाहर यानी मार्केट से भी यह दवाई ली जा सकेगी।

बिना लक्षण वाले मरीज घर या कोविड केयर सेंटर में रह सकेंगे।

आदेश के अनुसार बिना लक्षण वाले मरीजों, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है , वे घर या कोविड केयर सेंटर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे। होम आइसोलेशन एप के जरिए उनके स्वास्थ व इलाज की सतत निगरानी की जाएगी।

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