कांग्रेस की प्रेसवार्ता में पत्रकार के साथ बदसलूकी

  
Last Updated:  October 22, 2023 " 12:56 am"

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने किए गए सवाल का जवाब देने की बजाय किया अपमानित।

इंदौर : अभी चुनावी दौर शुरू ही हुआ है पर कांग्रेस के बड़े नेताओं को पता नहीं क्यों ये गुमान हो चला है कि वे बस सत्ता का वरण करने ही वाले हैं। इस दंभ में वे किसी को भी अपमानित कर बैठते हैं, चाहे वे पत्रकार ही क्यों न हों। उनसे कोई टेढ़ा सवाल करें यह उन्हें मंजूर नहीं। पत्रकारों को बुलाकर उनके साथ बदसलूकी करना जैसे कांग्रेसी नेताओं ने अपना शगल बना लिया है।

पिछले दिनों इंदौर के गांधी हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा पत्रकारों को दुत्कारने और उनके सुरक्षाकर्मियों द्वारा धक्का मुक्की करने की घटना हुई थी।कमलनाथ ने ये भी कहा था कि उन्हें पत्रकारों की जरूरत नहीं है। नाराज पत्रकार साथियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर कमलनाथ के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। इस घटनाक्रम को पत्रकार साथी भुला भी नहीं पाए थे कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को शहर कांग्रेस द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया नेत एक पत्रकार के सवाल पर बुरीतरह बिफर गई। उन्होंने उक्त पत्रकार को जलील करते हुए उसे धमकी तक दे डाली। एकाएक हुए इस घटनाक्रम ने तमाम पत्रकारों को सकते में डाल दिया।

ये हुआ था घटनाक्रम।

दरअसल, रीगल तिराहा स्थित एक होटल में रखी गई प्रेस वार्ता के दौरान मप्र में बीजेपी के 18 वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश पर चढ़े लाखों करोड़ के कर्ज, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी आदि मुद्दों पर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया नेत ने अपनी बात रखी। बाद में सवाल – जवाब का दौर चला। सुप्रियाजी के तेवरों से ही पता चल रहा था कि पत्रकार बिरादरी के प्रति वे पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं। हर सवाल के साथ उनके तेवर भी टीवी डिबेट के समान तीखे होते गए। कुछ सवालों के बाद एक पत्रकार ने कांग्रेस के हमास(फिलिस्तीनी आतंकी संगठन) को कथित समर्थन को लेकर सवाल दाग दिया। इस सवाल पर पहले से ही तमतमाई हुई कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता बुरीतरह भड़क गई। उन्होंने सवाल का जवाब देने की बजाए उक्त पत्रकार पर ही चढ़ाई कर दी। उसे अपमानित और जलील करते हुए उससे ही सबूत की मांग करने लगी की कांग्रेस ने हमास का समर्थन कब किया। जबकि वे उक्त सवाल का उचित उत्तर देकर आगे बढ़ सकती थीं। बदसलूकी की हद तो तब हो गई जब कांग्रेस नेत्री सुप्रियाजी ने प्रेस वार्ता खत्म होने के बाद भी संबंधित पत्रकार का पीछा नहीं छोड़ा। उसे पुनः अपमानित करने के साथ मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दे डाली।अहम बात ये थी कि उक्त पत्रकार ने सुप्रियाजी पर कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए थे बल्कि हमास के प्रति कांग्रेस के स्टैंड पर सवाल खड़ा किया था, ऐसे में मानहानि का मामला कैसे बनता हैं, ये भी सोचनेवाली बात है। दूसरे विधानसभा चुनावों से अंतरराष्ट्रीय मामलों का कोई लेना देना नहीं है, ऐसे में किए गए सवाल का सामान्य जवाब देकर आगे बढ़ा जा सकता था पर इस बात को कांग्रेस की प्रवक्ता ने क्यों इतना तूल दिया समझ से परे है।

रही बात आतंकी संगठन हमास की, कांग्रेस का कहना है कि उसने फिलिस्तीन का समर्थन किया है, हमास का नहीं। क्या ये देश और दुनिया की आंखों में धूल झोंकने वाली बात नहीं है। हमास के आतंकी किसी तीसरी दुनिया से नहीं आए हैं। वे फिलिस्तीनी युवा ही हैं जो हमास से जुड़े हैं और इजराइल पर हमला करने के जिम्मेदार हैं। क्या ये सच नहीं है कि कांग्रेस ने हमास की इजराइल के नागरिकों, महिलाओं और बच्चों के साथ बरती गई हैवानियत, बर्बरता और पाश्विकता के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा…? ये फिलिस्तीन ही है जिसने अंतराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर के मामले में कभी भारत का समर्थन नहीं किया।

बहरहाल, बिना चुनाव हुए ही सत्ता में होने का वहम पाले हुए कांग्रेस के नेता अपने अहंकार और गुरुर में मीडिया के प्रति इस तरह की दुर्भावना रखते हुए दुर्व्यवहार करने पर उतारू हैं। कहीं ऐसा न हो उनकी ये हिमाकत कांग्रेस को फिर से पांच वर्ष का वनवास भोगने पर मजबूर कर दें।

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