कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच अनबन, सतह पर आई गुटबाजी

  
Last Updated:  October 27, 2023 " 06:17 pm"

दौरे निरस्त कर दिग्विजय ने भोपाल में डेरा डाला।

🔹प्रवीण कुमार खारीवाल🔹

इंदौर : प्रत्याशी चयन को लेकर कांग्रेस के दो बड़े नेताओं में अनबन शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के रवैये से क्षुब्ध होकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद दिग्विजयसिंह ने गुरुवार को अपनी चुनावी यात्रा स्थगित कर दी। बताते हैं कमलनाथ खेमे के सिपहसालार सज्जनसिंह वर्मा के अडिय़ल रवैये से पूर्व मुख्यमंत्री बेहद नाराज हैं।
मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी सतह पर आ गई है। प्रत्याशियों के चयन में कमलनाथ एवं दिग्विजयसिंह खेमा आगे रहा, जबकि सुरेश पचौरी, विवेक तन्खा, डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया जैसे दूसरी पंक्ति के नेताओं को गिनती की सीटों पर संतोष करना पड़ा। प्रत्याशियों के चयन में पिछले एक साल से सर्वे की बात कही जा रही थी, लेकिन ऐनवक्त पर सबकुछ कांग्रेसी परम्परानुसार ही हुआ। नतीजा यह रहा कि दो दर्जन से अधिक सीटों पर नाराज नेताओं ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के बीच की अनबन कुर्ते फाड़ देने वाली टिप्पणी से सामने आई। दोनों ही नेताओं ने परिपक्वता दिखाते हुए भले ही सार्वजनिक रूप से सहजता जता दी, लेकिन अंदरुनी तौर पर खंदक बढ़ती गई। बताते हैं कि सिंह पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजीव सिंह को लेकर खासे नाराज हैं। उन्होंने इन दोनों नेताओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को तल्ख एसएमएस भी किया था। इस एसएमएस के बाद सज्जनसिंह वर्मा सिंह के बंगले पर पहुंचे थे। दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत चली। बातचीत में इंदौर, देवास, शाजापुर, रतलाम, सिहोर, राजगढ़ जिले की कुछ विधानसभा सीटों को लेकर सिंह ने वर्मा की खासी खैरखबर ली। वर्मा भी सीहोर जिले की आष्टा सीट को लेकर सिंह समर्थकों से नाराज थे। इस चर्चा के बाद कांग्रेस में चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बदले, लेकिन शाजापुर जिले की शुजालपुर सीट पर बदलाव नहीं किया गया। इस सीट से सिंह समर्थक जिला कांग्रेस अध्यक्ष योगेन्द्रसिंह ‘बंटी बना’ दावेदारी जता रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने दोबारा रामवीरसिंह सिकरवार को टिकट दे दिया है।
सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री सिंह आश्वस्त थे कि बदलाव वाली सूची में शुजालपुर सीट भी शामिल रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बुधवार को सिंह ने गुना, राधौगढ़ होते हुए झाबुआ जाने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन ऐनवक्त पर उन्होंने झाबुआ और आगामी दिनों का कार्यक्रम निरस्त कर दिया। सिंह इस कदर नाराज बताए जाते हैं कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को यहां तक कह दिया कि आगे का चुनाव आप ही संभालिए। पिछले कुछ घंटों से उन्होंने रूठे कांग्रेस नेताओं को मनाने के उपक्रम को भी स्थगित कर दिया है।

कांग्रेस के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि सिंह ने कुछ सीटों में बदलाव को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विश्वास में लेकर चर्चा आरंभ की थी। संगठन प्रभारी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और म.प्र. के प्रभारी महासचिव रणदीपसिंह सूरजेवाला भी सभी तथ्यों से भलीभांति वाकिफ थे, लेकिन ऐनवक्त पर सिंह के हाथों कुछ नहीं लगा। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री सिंह और प्रभारी महासचिव सूरजेवाला के बीच इन्हीं मुद्दों पर गंभीर चर्चा होना है । खबर है कि 28 अक्टूबर को नई दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य मध्यप्रदेश की करीब आधा दर्जन सीटों पर विवाद को सुलझाने के प्रयास करेंगे। इस बैठक से पहले दिग्विजयसिंह भोपाल में ही डेरा डाले रहेंगे।

वर्मा बने विवाद की वजह…

कमलनाथ और दिग्विजयसिंह के रिश्तों में जब भी खटास आई है उसकी वजह सज्जनसिंह वर्मा ही रहे हैं। वर्मा इंदौर, देवास और शाजापुर की राजनीति में सीधा दखल रखते हैं। यहीं इलाके सिंह के प्रभाव वाले भी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद टीका-टिप्पणियों को लेकर सिंह, वर्मा से खासे नाराज थे। यही वजह रही कमलनाथ के चाहने के बावजूद वर्मा उपमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन विभाग नहीं ले पाए थे। उन्हें लोक निर्माण विभाग से संतोष करना पड़ा था। सिंह समर्थकों का कहना है कि दिग्विजयसिंह का नेटवर्क ग्राउंड जीरो तक फैला है। वह भलीभांति समझते हैं कहां किसे उम्मीद्वार बनाया जाना है। वर्मा समर्थकों का मानना है कि दिग्विजयसिंह सुपर सीएम की तरह सिस्टम चलाना चाहते हैं जो नाथ समर्थकों को नागवार गुजरता है।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *