इंदौर : कांग्रेस नेताओं का दावा है कि सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम ढाबली में मध्य प्रदेश शासन और इंदौर के जिला प्रशासन का झूठ उजागर हो है। कांग्रेस नेताओं का दल इस गांव के दौरे पर पहुंचा तो यह सच्चाई सामने आई कि इस गांव में कोरोना से 25 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और अभी भी कम से कम 40 लोग प्रभावित हैं।
ढाबली को घोषित किया था कोरोना मुक्त..?
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि 9 मई को प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा ये प्रचारित किया गया था कि सांवेर तहसील का ग्राम ढाबली कोरोना मुक्त है। उस दिन सिलावट ने इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह के साथ इस गांव का दौरा किया था। फिर यह जानकारी सार्वजनिक की गई थी कि इस गांव के लोगों ने गांव के बाहर बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया है । गांव के लोगों का कहना है कि बाहर का कोई आदमी गांव में नहीं आएगा। इससे कोरोना भी नहीं आएगा । इस घटनाक्रम को जिला प्रशासन द्वारा गांव की आदर्श कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर इस गांव को आदर्श गांव के रूप में और कोरोना से मुक्त गांव के रूप में प्रदेश के सामने रखा था।
कांग्रेसियों के मुताबिक जब उन्होंने इस दावे की पड़ताल की तो हकीकत कुछ और सामने आई। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा,विधायक संजय शुक्ला, विधायक विशाल पटेल, शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल,जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव इस गांव के दौरे पर पहुंचे तो स्थानीय नागरिकों ने गांव की हालत बयां की। सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मांगलिया के समीप के इस गाँव और आसपास के क्षेत्र में अब तक कोरोना से 25 से ज्यादा मौते हो चुकी है और क़रीब 100 के आसपास कोरोना मरीज़ आज भी हैं । ये गॉव प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट की विधानसभा का है।
गांववासियों ने बताया की पिछले दिनों जो रास्ते बंद करने की बात कही गई थी वो भी बीजेपी के कार्यकर्ताओं की नौटंकी थी। भाजपा के जिला महामंत्री प्रेमसिह और उनका परिवार भी कोरोनावायरस की चपेट में आ चुका है । इस गांव का पंच भी कोरोना का शिकार हो चुका है।
झूठ परोस रहे शासन- प्रशासन।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दौरे के बाद कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने झूठ की दुकान खोल रखी है और अब यह लोग झूठ का स्टोर खोल रहे हैं। ये लोग हकीकत को सामने नहीं आने देना चाहते।
विधायक विशाल पटेल ने कहा कि इस गांव में हालत बद से बदतर है। गांव के नागरिक इलाज की बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं। गांव की हालत को देखकर कोई कह नहीं सकता कि यह इंदौर के प्रभारी मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र का गांव है। इस गांव के नागरिकों से चर्चा के दौरान मालूम पड़ा कि जब नागरिक अपने खर्चे से किसी मरीज को उपचार के लिए इंदौर लेकर जाते हैं तो इंदौर के अस्पताल में मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है। गांव के नागरिक कई घंटे तक इंदौर की सड़कों पर इधर से उधर घूम कर मरीज की जान बचाने की कोशिश करते हैं।