कांग्रेस नेताओं को पार्टी फोरम पर ही रखनी चाहिए अपनी बात- वर्मा

  
Last Updated:  September 3, 2019 " 02:56 pm"

इंदौर : उमंग सिंगार हो या दिग्विजय सिंह उन्हें अपने पत्राचार को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था। उमंग सिंगार के मन में कोई पीड़ा थी भी तो वे सीधे पार्टी हाईकमान को अपनी बात कह सकते थे। दिग्विजय सिंह को भी पत्र लिखने की जरूरत ही नहीं थी। ये काम तो विपक्ष का है। वे इतने बड़े नेता हैं कि मंत्रियों को एक फोन कर दें तो उनके काम हो सकते हैं। ये बात कमलनाथ सरकार में पीडब्लूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कही। मंगलवार को कपड़ा मिल गणेशोत्सव समितियों को चेक वितरण करने श्रम शिविर पहुंचे मंत्री श्री वर्मा मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान चाहे तो वे पीसीसी चीफ सहित कोई भी जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।

अरुण यादव करवाएं सुलह।

मंत्री श्री वर्मा ने पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव की पीड़ा को जायज ठहराते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के विपक्ष में रहते काफी संघर्ष किया है। अब जब सत्ता मिली है तो वरिष्ठों में इसतरह मचे कलह से आम कार्यकर्ता आहत होता है। अरुण यादव को उमंग सिंगार व दिग्विजय सिंह के बीच सुलह कराने की पहल करनी चाहिये।

शिवराज को आरोप लगाने का हक़ नहीं।

ये पूछने पर की क्या पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं, सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार सीएम कमलनाथ ही चला रहे हैं। उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि 13 साल शिवराज सिंह पर भी यही आरोप लगते रहे हैं कि सरकार साधना सिंह और आरएसएस चला रहे हैं। जो खुद आरोपों के घेरे में हों उन्हें हम पर आरोप लगाने का हक़ नहीं है।

बाला बच्चन को दे देनी चाहिए थी कमान।

मंत्री श्री वर्मा ने पीसीसी चीफ को लेकर चल रही उठापटक के बारे में कहा कि हमने हाईकमान को बाला बच्चन का नाम सुझाया था। उन्हें अध्यक्ष बना दिया जाता तो ये प्रॉब्लम खड़ी ही नहीं होती। सत्ता और संगठन में अच्छा तालमेल भी बना रहता।

जल्द होगा युद्धविराम..!

उमंग सिगार व दिग्विजय सिंह के बीच जारी बयानबाजी जल्द खत्म होने की उम्मीद जताते हुए मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि कल तक सारे गिले शिकवे दूर हो जाएंगे और युद्धविराम हो जाएगा।

हाईकमान कहे तो कोई भी जिम्मेदारी निभाने को तैयार।

पत्रकारों के पूछने पर पीडब्लूडी मंत्री श्री वर्मा पीसीसी चीफ बनने की ख्वाहिश छुपा नहीं पाए। उनका कहना था कि पार्टी हाईकमान चाहे तो वे कोई भी जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं।

जो जिम्मेदारी मिली है उसे गंभीरता से निभाएं।

मंत्री सज्जन वर्मा ने कांग्रेसजनों (मंत्रियों )को नसीहत देते हुए कहा कि सीएम कमलनाथ ने जो भी जिम्मेदारी दी है उसे एकजुट होकर ईमानदारी और गंभीरता से निभाएं ताकि 5 साल बाद हम दुबारा सत्ता में वापसी कर सकें।

बीजेपी के लोग हैं अधर्मी ।

श्री वर्मा ने कहा कि महाकाल मंदिर के विकास को लेकर बीजेपी ने कभी पहल नहीं की। उल्टे मन्दिर की जमीन पर कब्जा कर लिया। अब जब हमने 300 करोड़ की योजना बनाई तो उनके पेट मे मरोड़ उठ रहे हैं। राम मंदिर भी ये लोग बना नहीं पाए। वास्तव में बीजेपी के लोग सबसे बड़े अधर्मी हैं।

वर्तमान अंतरकलह से पार्टी पर असर नहीं।

मंत्री सज्जन वर्मा ने पार्टी नेताओं में छिड़े घमासान से कांग्रेस की छवि पर विपरीत असर पड़ने की संभावना से इनकार किया।

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