काशी विश्वनाथ मन्दिर से देवी अहिल्याबाई के जुड़ाव को नए आयाम मिलने का मनाया गया जश्न

  
Last Updated:  December 14, 2021 " 01:04 am"

इंदौर : सैकड़ों वर्षों पूर्व 1780 में इंदौर की तत्कालीन महारानी और लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर ने गंगा घाटों के निर्माण के साथ मुगलों द्वारा ध्वस्त किए गए काशी विश्वनाथ का भी जीर्णोद्धार कर उसमें शिवलिंग की पुनः स्थापना की थी। ‘‘दिव्य काशी-भव्य काशी’’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ अन्य विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इस अलौकिक कार्यक्रम में उन्होंने इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई होलकर का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर किए कार्य का जिक्र किया। यह हम सब इंदौरवासियों को गौरवांवित करने वाला पल था। इस बात का जश्न सोमवार शाम को नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की विशेष उपस्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजबाड़ा चौक पर भव्य आतिशबाजी कर मनाया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से गौरव रणदिवे, कमलेश नाचन, दीपिका नाचन, रितेश तिवारी के साथ यशवंत सेना के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

इंदौर वासियों के लिए गर्व का पल।

इस मौके पर बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि एक समय देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर की पुनः स्थापना की थी, आज प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य स्वरूप प्रदान किया बल्कि परिसर में देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा स्थापित कर काशी के साथ इंदौर के शाश्वत जुड़ाव को भी रेखांकित किया है। यह हमारे लिए बेहद खुशी और गर्व का पल है।

एलईडी स्क्रीन पर गंगा आरती का सीधा प्रसारण।

कार्यक्रम की संयोजक निवर्तमान पार्षद दीपिका नाचन और बीजेपी नेता कमलेश नाचन ने बताया कि दिव्य काशी- भव्य काशी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण राजवाड़ा चौक में बड़ी एलईडी स्क्रीन के जरिए किया गया।शाम को गंगा आरती में पीएम मोदी भी मौजूद थे। उसका भी सीधा प्रसारण किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लोकार्पण में प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई के योगदान का उल्लेख किया, यह हमारे लिए गर्व की बात है। काशी के साथ देवी अहिल्याबाई के जुड़ाव को नए आयाम दिए जाने की खुशी जोरदार आतिशबाजी करके मनाई गई। इस मौके पर राजवाड़ा उद्यान स्थित देवी अहिल्याबाई के प्रतिमा स्थल को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया था।

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