काश ऐसा होता…..

  
Last Updated:  October 1, 2020 " 09:18 pm"

🔹 नरेंद्र भाले 🔹

काश ,यदि, ऐसे शब्द हैं जिनका वास्तविक जीवन में बेमतलब तथा अफसोस जताने के अलावा कोई महत्व नहीं है। काश बाप दादा नहीं मरते तो घर भरा रहता और शादी में बारातियों की जरूरत ही नहीं पड़ती। यदि ऐसा फैसला नहीं लेते तो परिणाम बदल सकता था? काश कैच नहीं छूटता? यदि वह थोड़ा तेज दौड़ता तो रन आउट नहीं होता। इन बातों पर घंटों बहस की जा सकती है लेकिन परिणाम 0 ही रहेगा। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और मुंबई इंडियंस का परिणाम कुछ भी रहा हो लेकिन चकल्लस से इसके रोमांच में कतई कमीं नहीं आती। एक ऐसा मैच जो लंबे समय तक जेहन में रचा बसा रहेगा। फिंच ,देवदत्त तथा बेहद भरोसेमंद डिविलियर्स के शानदार अर्ध्द शतको से पारी ऐसे मुकाम तक पहुंच गई जहां से मुंबई के लिए राह कतई आसान नहीं थी। शिवम दुबे ने अंतिम क्षणों में तीन छक्कों का तड़का लगाकर टीम की नैया 200 पार लगा दी। वापस शीर्षक पर आते हैं , काश रोहित ने सबसे लंबी सीमा रेखा पर छक्का मारने की शुरुआत में ही कोशिश नहीं की होती ? यदि सूर्यकुमार ने खाता खोल लिया होता तो? डिकॉक यदि नेगी को कैच नहीं थमाते तो ? वास्तव में ऐसे सवाल पूछना भी वाशिंगटन की सुंदर गेंदबाजी के साथ सरासर अन्याय होगा। अंतिम 30 गेंदों में 90 रन कुटना किसी अघोरी के ही बस की बात थी जिसे पोलार्ड ने किशन की बांसुरी पर परवान चढ़ाया। यदि 99 के व्यक्तिगत योग पर ईशान किशन सीमा रेखा पर लपके नहीं जाते तो मैच वहीं समाप्त हो जाता। अंतिम गेंद पर पोलार्ड का प्रहार सीमा रेखा के अंदर टप्पा खाकर बाहर गया। सीमा रेखा पार जाता तो मैच टाई नहीं होता। मुंबई संघर्ष कर जीत जाती। यहां रोहित शर्मा ने सुपर ओवर में पोलार्ड के साथ किशन को ना भेज कर हार्दिक को उतार दिया और उनके आउट होते ही खुद आ गए। सारा मामला गुड गोबर हो गया। यहां प्रशंसा करनी होगी नवदीप सैनी की जिन्होंने यार्कर लेंथ गेंदबाजी कर केवल 7 रन ही बनाने दिए। मुंबई के लिए बुमराह आए और डिविलियर्स मैच निकाल कर ले गए। वैसे तो बुमराह को यार्कर मास्टर माना जाता है लेकिन वह केवल एक ही यार्कर फेक पाए। मुंबई के लिए रॉयल चैलेंज वाकई रॉयल रहा। अब तक के सभी मैचों में बुमराह के तरकश से यार्कर गायब हैं जिसका खामियाजा मुंबई भुगत रही है। काश ,यदि , किंतु परंतु कुछ भी नहीं केवल असल रोमांच का दूसरा नाम आईपीएल है। वैसे स्थानापन्न पवन नेगी का उल्लेख ना करना उनके साथ ज्यादती होगी। उनसे एक कैच अवश्य छूटा लेकिन तीन जो पकड़े उसकी वजह से आरसीबी के लिए मैच निश्चित ही टाई गया ।

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