भोपाल : प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस तरह से सीएए और एनआरसी को लेकर देश में आंदोलन किया जा रहा था, वैसा ही किसान आंदोलन में भी किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि जो लोग यह नारा लगा रहे थे कि ‘तुम कितने अफजल मारोगे हर घर से अफजल निकलेगा’, उन्हें हमारा जवाब है-‘हम उस घर में घुस कर मारेंगे, जिस घर से अफजल निकलेगा।’
मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए भ्रम फैलाकर देश के टुकड़े-टुकड़े गैंग ने माहौल बनाया और देश में सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। ऐसा ही भ्रम कृषि कानूनों को लेकर फ़ैलाया जा रहा है।
गृह मंत्री ने मिश्रा के अनुसार सरकार कह चुकी है कि न तो मंडियां और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद किया जाएगा। इसके बावजूद कुछ लोग आंदोलन को हवा दे रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य है। टुकड़े-टुकड़े गैंग आशंका पर आंदोलन कर देती है। ऐसी ही गैंग किसान आंदोलन करवा रही है।
न नक्सलियों को छोड़ रहे न आतंकियों को
मिश्रा ने मध्यप्रदेश में हाल ही में हुई नक्सली घटनाओं को लेकर भी अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के शासनकाल में ग्वालियर-चंबल में डाकुओं का आतंक हुआ करता था। राज्य में आए दिन नक्सली घटनाएं होती रहती थीं। सिमी का आतंक छाया हुआ था। लेकिन मौजूदा सरकार न तो डाकुओं को छोड़ रही है और न ही नक्सलियों को और न ही आतंकवादियों को।
कमलनाथ तक जाएगी जांच की आंच
उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार राज्य को शांति का टापू बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि वे सबसे भ्रष्ट पूर्व मुख्यमंत्री में से एक रहे हैं। ऐसे में जांच की आंच कमलनाथ के दामन तक भी जरूर पहुंचेगी।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘हमें नक्सल गतिविधियों में बड़ी सफलता मिली है, नक्सल गतिविधियों पर विराम और हमारा अभियान समानांतर चल रहे हैं। एक दौर था, वो शायद दिग्विजय सिंह का था, जब पूरे प्रदेश में अशांति थी। कोई भी अपराधी अब मध्यप्रदेश में शरण नहीं ले पाएगा, हम भून देंगे।’