कृष्णकुमार अष्ठाना व श्रीमती अग्निहोत्री हिंदी गौरव अलंकरण से सम्मानित

  
Last Updated:  February 28, 2022 " 06:34 pm"

इंदौर : इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एवं विचारक कृष्णकुमार अष्ठाना और वरिष्ठ कथाकार व लेखिका डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री को मातृभाषा उन्नयन संस्थान की ओर से हिंदी गौरव अलंकरण से सम्मानित किया गया। कवियों में गीतकार अमित जैन ‘मौलिक’ (जबलपुर), गीतकार धर्मेंद्र सोलंकी (भोपाल), कवि राम भदावर (इटावा), पंकज पंडित (ललितपुर) व अमित शुक्ला को काव्य गौरव अलंकरण एवं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मानित बाल साहित्यकार अवि शर्मा को बाल साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट थे। अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय मामलों पर गहरी पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक ने की। इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान की बड़ी उपलब्धि।

प्रेस क्लब अध्यक्ष तिवारी ने कहा कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान की इससे बड़ी उपलब्धि और क्या होगी, जिसमें 20 लाख लोगों के हस्ताक्षर हिंदी में कराए गए और हिंदी प्रेमियों व विद्वानों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया जा रहा है।

मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करवा रही है मप्र सरकार।

मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार मेंडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई राष्ट्रभाषा हिंदी में करवाने जा रही है। इसकी शुरुआत भी हो गई है। देशभर के विद्वान, भाषाविद व विषय विशेषज्ञ हिंदी भाषा में पुस्तकें लिख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इंदौर कला, शिक्षा, संस्कृति, आस्था, विश्वास और स्वच्छता की नगरी है। यहाँ से कोई आह्वान करता है, उसकी गूंज पूरे देश में सुनाई देती है।

अपने हस्ताक्षर हिंदी में करें।

कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार और वर्षों से हिंदी के लिए कार्यरत डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने हस्ताक्षर मातृभाषा हिंदी में करें। अंग्रेजी जरूर सीखें पर दैनदिनी कामकाज हिंदी में ही करें। डॉ. वैदिक ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार हिंदी के गौरव को बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं, जो शुभ संकेत है। डॉ. वैदिक ने मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी में हस्ताक्षर कराए जाने वाले अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

134 देशों में बोली जा रही हिंदी।

अपने सम्मान के प्रत्युत्तर में अष्ठाना ने कहा कि दुनिया के 134 देशों में हिंदी बोली जा रही या उस पर कुछ न कुछ कार्य हो रहा है। हम चाहें तो अपनी दिनचर्या से गुड मॉर्निंग, बाय बाय, ओके, गुड इवनिंग, वॉटर जैसे अंग्रेज़ी शब्दों और उदबोधनों को निकाल सकते हैं। इसकी शुरुआत बच्चों के साथ की जानी चाहिए।

हिंदी समृद्ध और ताकतवर भाषा है।

अपने सम्मान के प्रतिउत्तर में वरिष्ठ कथाकार डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री ने कहा कि राजभाषा हिंदी में वह ताकत है जो कम और छोटे शब्दों में अपनी बात कहने की क्षमता रखती है, यह विशेषता अन्य किसी भाषा में नहीं है। एक लेखक की सबसे बड़ी पूंजी उसका पाठक वर्ग होता है, अतः जीवन में पठनीयता का होना आवश्यक है। आज लेखिकाएँ अपनी आत्मकथा लिखकर साहस का परिचय दे रही हैं। दुर्भाग्य है कि हमारी भाषा में अश्लील शब्द बढ़ रहे हैं, जो स्वादिष्ट भोजन में कंकर के समान हैं।

इस मौके पर हिंदी की सेवा करने वाले मुकेश तिवारी, परवीन निखर, आशा प्रेम माथुर, श्रीमननारायणचारी विराट, चंचल सोनी हिंदी योद्धा सम्मान से सम्मानित किए गए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया।अतिथि स्वागत अर्पण जैन ‘अविचल’, शिखा जैन, डॉ. नीना जोशी, अदिति सिंह, नितेश गुप्ता, शीतल रॉय, अरविंद जोशी, नितेश उपाध्याय, रोहित त्रिवेदी, ऋतु गुप्ता और जलज व्यास ने किया।कार्यक्रम का संचालन अंशुल व्यास ने किया व आभार अमित जैन मौलिक ने माना।

कार्यक्रम में अदिति सिंह भदौरिया, ऋतु उपाध्याय, शीतल रॉय, ऋतु साहू, गौरव साक्षी, प्रेस क्लब उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, प्रवीण जोशी, लक्ष्मीकांत पंडित, राजेन्द्र कोपरगाँवकर, जलज व्यास, विघ्नेश् दवे, नितेश उपाध्याय, शिखा जैन सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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