स्टेट प्रेस क्लब ने 20 मीडियाकर्मियों को अवार्ड्स देकर किया सम्मानित
इंदौर। हमारे देश की पहचान उसके प्रजातंत्र और संस्कृति से है, लेकिन आज उस पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। निजीकरण के नाम पर देश को बेचा जा रहा है । कृषि कानूनों की आड़ में उद्योगपतियों की जेबें भरी जा रही है। इंदिराजी ने तो आपातकाल को घोषित किया था । लेकिन आज देश में अघोषित सेंसरशिप चल रही है, जो देश के लिए घातक है। श्रीराम मंदिर निर्माण के चंदे की आड़ में पेट्रोल के बढ़ते दाम से उत्पन्न महंगाई के विरोध से जनता का ध्यान हटाया जा रहा है । यह विचार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हैं, जो उन्होंने स्टेट प्रेस क्लब द्वारा रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित भारतीय पत्रकारिता महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। श्री कमलनाथ ने आगे कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता एक चौराहे पर खड़ी है , जिसे यह तय करना है कि उसे किस ओर जाना है। तकनीक से पत्रकारिता में बड़ा परिवर्तन आया है। सोशल मीडिया ने सबसे अधिक प्रभावित राजनीति को किया है। पत्रकार बुद्धिजीवी होता है और वह देश को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता में पाठक ही सर्टिफिकेट है। प्रिंट मीडिया की साख आज भी ज़्यादा है। पत्रकारिता में अपनी तरफ से मिर्च मसाला नहीं लगाना ही असल पत्रकारिता है।
इस मौके पर कमलनाथ ने प्रदेश और देश के नामचीन 20 मीडिया कर्मियों को अवार्ड देकर सम्मानित किया, इनमें
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला, पत्रकार आशुतोष, श्रीवर्धन त्रिवेदी, अशोक पंडित, भुवनेश सेंगर, संजय सिन्हा, पराग छापेकर सहित अन्य दिग्गज मीडियाकर्मी शामिल थे। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री डॉक्टर विजयलक्ष्मी साधो, बाला बच्चन, सज्जनसिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विधायक विशाल पटेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, अर्चना जायसवाल, नरेंद्र सलूजा, केके मिश्रा आदि इस दौरान विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संस्था अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने किया। आभार कमल कस्तूरी ने माना।