रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी ईडी, आईटी, डीआरआई और सीबीआई जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है। चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने का घृणित प्रयास किया है।
ईडी का किया जा रहा राजनीतिक इस्तेमाल।
यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक षडयंत्र है जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल के अनुसार ‘महादेव ऐप’ की कथित जांच के नाम पर ईडी ने पहले उनके करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे डाले और अब एक अनजान व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ लेने का आरोप लगा दिया है।
बदनाम करने का है षडयंत्र।
छत्तीसगढ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी की चालाकी देखिए की उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है।अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस रिलीज़ जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी ज़ाहिर करता है।
केंद्रीय एजेंसियों पर उठाए सवाल।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इस समय राज्य में चुनाव हो रहे हैं। सब कुछ चुनाव आयोग के हाथों में है। पुलिस के अलावा सीआरपीएफ़ के जवान भी जांच कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी रकम लेकर लोग किस तरह से छत्तीसगढ़ पहुंच पा रहे हैं? कहीं इसमें भी तो केंद्रीय एजेंसियों की सांठगांठ नहीं चल रही है? कहीं ये रकम उन संदूकों में तो भरकर नहीं लाई गई है जो ईडी के अफ़सरों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष विमान से पहुंची है?
जांच एजेंसियों के सहारे बीजेपी लड़ाना चाहती है चुनाव।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मिलकर भी कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं तो वे जांच एजेंसियों के सहारे चुनाव लड़ना चाहते हैं। ईडी के ख़िलाफ़ मैंने खुले बयान दिए हैं और जनता को बताता रहा हूं कि ईडी किस तरह से काम करती है।. वह पहले लोगों के नाम तय करती है फिर गिरफ़्तार करके धमकाती है और नाम लेने के लिए बाध्य करती है।