मेघदूत गार्डन सौंदर्यीकरण घोटाले का है मामला, 2003 में हुआ था उजागर।
इंदौर : मेघदूत गार्डन इंदौर के सौंदर्यीकरण घोटाले के मामले में विशेष न्यायालय इंदौर ने अपराध क्रमांक 24/ 2008
धारा 13 (1)D, 13(2) PC Act. 1988 एवं धारा 471, 466, 218, 120B, भादवि के तहत तत्कालीन तीन पार्षदों सहित कुल नौ आरोपियों को तीन – तीन वर्ष के कारावास और 5 -5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।जिन आरोपियों को सजा व जुर्माने से दंडित किया गया है, उनमें सुरेश कुमार जैन तत्कालीन सहायक शिल्पज्ञ, अमानुल्लाह खान तत्कालीन उद्यान अधीक्षक, राजेंद्र सोनी तत्कालीन पार्षद, केशव पंडित ठेकेदार मेघदूत कारपोरेशन, सूरज केरो तत्कालीन पार्षद, विद्या निधि श्रीवास्तव तत्कालीन सीनियर ऑडिटर, ऋषि प्रसाद गौतम तत्कालीन सहायक संचालक, कैलाश यादव तत्कालीन पार्षद, जगदीश डगांवकर तत्कालीन नगर शिल्पज्ञ, नगर पालिक निगम इंदौर शामिल हैं।
ये था पूरा मामला।
आवेदक छोटू शुक्ला पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा फरवरी 2003 में शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि तत्कालीन महापौर एवं परिषद के सदस्यों ने पूर्ण रूप से विकसित मेघदूत उद्यान के सौंदर्यीकरण एवं विकास के नाम पर 2.50 करोड रुपए की योजना बनाकर वगैर शासन की अनुमति के षडयंत्र पूर्वक छोटे-छोटे प्रस्ताव बनाकर अलग-अलग कार्य अलग-अलग व्यक्तियों से करवाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार किया है। शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद अपराध पंजीकृत किया जाकर विस्तृत विवेचना उपरांत कुल राशि ₹33,60322/- की क्षति निगम को होना पाए जाने से उपरोक्त आरोपी गणों के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा दिनांक 31-1-2023 को निर्णय पारित करते हुए उपरोक्त आरोपियों को प्रत्येक धारा में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक धारा में अलग – अलग ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया। लोकायुक्त संगठन की ओर से अभियोजन का संचालन आशीष कुमार खरे द्वारा किया गया।