इंदौर : कोरोना के ख़ौफ़ को दरकिनार कर लोगों ने दीपावली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया। लोगों ने जमकर खरीदारी की। घर- आंगन को सजाया, संवारा और उल्लास भरे माहौल में माता महालक्ष्मी की अगवानी कर उनकी आस्थाभाव के साथ पूजा- अर्चना की। बाद में नाते- रिश्तेदारों, परिचितों को ज्योति पर्व दीपावली की शुभकामनाएं प्रेषित की गई। जगमग आतिशबाजी का दौर भी देर रात तक चलता रहा।
दियों की रोशनी से जगमगाया शहर।
तिथियों की घट- बढ़ होने से रूप चौदस और दिवाली एक ही दिन मनाई गई। बाजारों में जरूरत का सामान, सजावटी और पूजन सामग्री खरीदने का दौर शाम तक चलता रहा। धानी, बताशे, दिया बाती से लेकर फल, माता महालक्ष्मी के स्टीकर, पाने, गन्ने, झाड़ू आदि तमाम वस्तुओं की खूब बिक्री हुई। लॉकडाउन के बाद से ही मंदी में घिरे बाजार में दिवाली की खरीदारी ने रौनक लौटा दी। व्यापारी वर्ग भी अच्छी ग्राहकी से खुश नजर आया।शाम ढलते ही घर- घर में माटी के दिए रोशन हो गए। उनसे फैले उमंग, उल्लास और उम्मीदों के आलोक ने अमावस की कालिमा को दूर करने के साथ लोगों के अंतर्मन को भी रोशन कर दिया। समूचा शहर जगमगाते हुए इस महापर्व के उत्साह की बानगी पेश कर रहा था। एमटीएच, बर्तन बाजार और सराफा की रौनक तो देखते ही बन रही थी। सराफा में दिवाली के मद्देनजर लुभावनी विद्युत सज्जा के साथ कालीन भी बिछाया गया था।
आकर्षक रोशनाई से जगमगाई ऐतिहासिक इमारतें।
दीपोत्सव पर शहर की ऐतिहासिक और सरकारी भवनों की छटा देखते ही बन रही थी। खासकर राजवाड़ा, कृष्णपुरा की छतरियां, गांधी हॉल, हाईकोर्ट, आईडीए,नगर निगम आदि भवनों पर की गई रोशनाई लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही थी।
मंदिरों में कम पहुंचे श्रद्धालु।
दीपावली के मौके पर शहर के माता मंदिरों खासकर महालक्ष्मी के देवालयों को खूबसूरत ढंग से सजाया गया था। हैरत की बात ये रही की बाजारों में खरीददारी के लिए तो खूब भीड़ उमड़ी। वहां लोगों ने कोरोना संक्रमण की परवाह नहीं की, पर माता मंदिरों में दर्शन- पूजन के लिए कम लोग पहुंचे। राजवाड़ा, उषा नगर, खजराना गणेश मंदिर और अन्य स्थानों पर माता महालक्ष्मी के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती थीं लेकिन इस बार बेहद आसानी से श्रद्धालुओं को महालक्ष्मी के दर्शन हो गए।
घरेलू मिठाइयों को प्राथमिकता।
कोरोना के चलते दिवाली पर लोगों ने घर की बनी मिठाइयों से ही आस- पड़ौसियों और परिचितों का मुंह मीठा कराया। हालांकि बाजार में भी मिठाइयों की बिक्री अच्छी हुई पर बीते वर्ष के मुकाबले कम रही।
आतिशबाजी की भी बिखरी छटा।
प्रदूषण का स्तर बढ़ने और कोरोना संक्रमण के चलते इंदौर व भोपाल जैसे शहरों में स्थानीय स्तर पर प्रशासन ने आतिशबाजी का समय केवल दो घंटे कर दिया था पर प्रदेश सरकार ने इसे खारिज करते हुए लोगों को पटाखे चलाने की पूरी छूट दे दी। इसके चलते लोगों ने भी रंगारग आतिशबाजी कर दीप पर्व की खुशियों का इजहार किया। हालांकि बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी रही जिन्होंने पटाखों से परहेज बरता।
कुल मिलाकर कोरोना के खौफ पर दीपोत्सव का उल्लास भारी रहा। लोगों ने पूरे उमंग और उत्साह के साथ रोशनाई के महापर्व की खुशियां मनाई और बटोरी।