इंदौर : कोरोना का संकटकाल चल रहा है। बिजली जरूरी सेवा है। हमें हर हाल में आपूर्ति बनाए रखना है। मौसमी कारणों से यदि आपूर्ति प्रभावित होती है, तो भी हर संभव प्रयास कर कम से कम समय में बिजली प्रवाह चालू करना है। तीन-चार माह बाद रबी सीजन आ जाएगा, इसकी तैयारी अभी से करना है। बिजली कंपनी के लिए रबी सीजन अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। वे बुधवार को पोलोग्राउंड में चुनिंदा विभाग प्रमुखों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। तोमर ने कहा कि अब तक सभी 15 जिलों के कर्मचारियों, अधिकारियों ने कोरोना संकटकाल में अच्छा कार्य किया है, आगे भी हमें बिजली सेवा को संतोषजनक स्थिति में चलायमान रखना है। यह शासन, हमारे लिए एवं उपभोक्ता हितैषी होने की दिशा में अच्छा प्रयास रहेगा। उन्होंने कहा कि सतत आपूर्ति, रबी सीजन, मैंटेनेंस एवं लाइन लास घटाने की दिशा में बिजली कंपनी के लिए विभिन्न सामग्री (मटेरियल) की जरूरत होती है। समय पर कंपनी कार्यों के लिए मटेरियल मिले, इसकी आवश्यकता पूर्ति, गुणवत्ता एवं नियम पालन के लिए मटेरियल मैनेजमेंट कमेटी बनेगी।
निकाले गए अच्छे मीटर पुनः उपयोग करें।
प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने उज्जैन के मुख्य अभियंता पुनीत दुबे व इंदौर के कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे को निर्देश दिए कि स्मार्ट मीटर लगाने पर जो परंपरागत चालू मीटर निकाले जा रहे है। इनका लेब में परीक्षण के बाद पुनः उपयोग किया जाए। कंपनी क्षेत्र में उज्जैन, रतलाम, देवास, खऱगोन, महू में कुल तीन लाख से ज्यादा परंपरागत मीटर निकल रहे हैं।
कार्मिकों की मदद के लिए हर संभव प्रयास।
मुख्य महाप्रबंधक संतोष टैगोर ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में कर्मियों की मदद के लिए कंपनी ने हर संभव प्रयास किए है। इसमें अस्पताल की उपलब्धता, इंजेक्शन, उपचार के लिए एडवांस, शासन के निर्देश के पालन में महंगे इंजेक्शन की राशि मंजूर करना आदि शामिल है। इस अवसर पर निदेशक मनोज झंवर, मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, एसआर बमनके, आर के नेगी, नरेंद्र बिवलकर, एनसी गुप्ता आदि ने भी विचार रखे।
संकटकाल में ऊर्जस एप उपयोगी।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के निदेशक मनोज झंवर एवं अधीक्षण यंत्री सूचना प्रौद्योगिकी सुनील पाटौदी ने कहा कि कोरोना संकट काल में कंपनी का ऊर्जस एप उपयोगी साबित हो रहा है। इससे आईवीआरएस नंबर डाल कर बिल निकाला जा सकता है। बिल कैशलेस तरीके से भरा जा सकता है, हर घरेलू बिल पर 5 से 20 रूपए की छूट मिलती है। साथ ही बिजली जाने की शिकायत दर्ज की जा सकती है, जिसका निराकरण अत्यंत कम समय में मानिटरिंग के साथ होता है।