समाज और व्यवस्था की विसंगतियों पर प्रहार करता नाटक पागलखाना का मंचन

  
Last Updated:  October 18, 2022 " 06:32 pm"

इंदौर : सोमवार को अभिनव कला समाज के मंच पर नटराज थियेटर ग्रुप एवं फ़िल्म प्रोडक्शन के बैनर तले अशोक कुमार ‘अंचल’ द्वारा लिखित नाटक ‘पागलखाना’ का मंचन किया गया। इसके निर्देशक अर्जुन नायक और सह निर्देशक अर्पित द्विवेदी थे। 70 के दशक में लिखा गया, यह नाटक वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है। प्रतीकात्मक पागलों के माध्यम से वर्तमान राजनीति, सामाजिक व प्रशासनिक व्यवस्था पर करारा प्रहार यह नाटक करता है।
इसी के साथ महिलाओं के प्रति समाज में पुरुष की सोच को भी उजागर करता है। इसमें शासन, प्रशासन, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों की मिलीभगत से समाज में उत्पन्न समस्याओं को प्रदर्शित किया गया। पागलखाना उस वास्तविकता को उजागर करता है, जहाँ सत्ता और शोहरत के बल पर सब कुछ जीता जा सकता है। हास्य से शुरू हो कर यह नाटक दर्शकों को गंभीरता की ओर ले जाता है। साथ ही सोचने भी पर मजबूर करता है कि आखिर हम क्या है?, क्यों है?, क्या कर सकते हैं? और क्या कर रहे हैं। ?

नेता के किरदार में कमलकांत धुर्वे, उद्योगपति के किरदार में विकास चौधरी, पत्रकार के किरदार में तुषार गहलोत, गायक के किरदार में अर्पित पात्रा, सुरसतिया के किरदार में निष्ठा मौर्य, बाक़ी पागलों की भूमिका अर्पित द्विवेदी,सागर, शुभम् , हर्षित थे।लाइव म्यूजिक देव-ऋषि ने दिया।

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