इंदौर : भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (पीआईएमआर) ने कोलकाता में एक युवा महिला डॉक्टर के साथ हुए भयावह बलात्कार और हत्या के खिलाफ आवाज बुलंद की। पीआईएमआर के निदेशक कर्नल डॉ. एस. रमण अय्यर के नेतृत्व में छात्रों और शिक्षकों ने कैंडल मार्च आयोजित कर न्याय की मांग की और समाज में नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता का आह्वान किया।
यह मार्च पीआईएमआर यूजी कैंपस से शुरू होकर ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर से गुजरते हुए वापस कैंपस पहुंचा, जहां प्रतिभागियों ने मोमबत्तियों के साथ पीड़िता की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा और दिवंगत महिला डॉक्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। मार्च में शामिल छात्र छात्राओं ने अपने हाथों में लिये पोस्टरों, बैनरों के माध्यम से अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की सामूहिक मांग की ।
प्रेस्टीज एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. डेविश जैन ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “कोलकाता में युवा महिला डॉक्टर पर किया गया क्रूर और अमानवीय हमला केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक गहरी चोट है। हमारे समाज को सभी की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने में अभी भी बहुत आगे बढ़ना है। डॉ. जैन ने प्रेस्टीज शिक्षण संस्थानों की हर महिला छात्रा, शिक्षक और कर्मचारी की गरिमा को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हमारे संस्थानों में, हम न केवल बौद्धिक विकास को बल्कि छात्रों के नैतिक विकास को भी पोषित करने के लिए समर्पित हैं। यह एक ऐसा कारण है जिसे हम शैक्षिक उत्कृष्टता के समान ही महत्वपूर्ण मानते हैं।
डॉ जैन ने कहा कि उनके शिक्षण संस्थान के छात्रों द्वारा निकाला गया यह कैंडल मार्च न केवल पीड़िता को श्रद्धांजलि थी, बल्कि प्रेस्टीज शिक्षण समूह की सामाजिक कारणों के प्रति समर्पण का एक शक्तिशाली अनुस्मारक भी था। इस मार्च के माध्यम से, संस्थान ने यह पुष्टि की है कि वह नैतिक रूप से जागरूक व्यक्तियों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो अन्याय के खिलाफ खड़े होने और सभी के लिए गरिमा और सम्मान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए तैयार हैं।
कर्नल डॉ. एस. रमण अय्यर ने भी कोलकाता की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह घटना उन मूल्यों पर एक दुखद आघात है जिन्हें हम एक समाज के रूप में संजोते हैं। प्रदेश एवं मध्य भारत के एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के रूप में, यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम जागरूकता बढ़ाएं, नैतिक अखंडता को बढ़ावा दें और सभी के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करें। उन्होंने छात्रों में मजबूत नैतिक मूल्यों को विकसित करने के महत्व पर जोर देते हुए, शैक्षिक संस्थानों और समाज से इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया।