खरना के साथ छठ व्रतियों का शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जल उपवास, रविवार को डूबते सूर्य को देंगे अर्घ्य

  
Last Updated:  October 29, 2022 " 11:26 pm"

पूर्वांचल के लोगों ने प्रदेश सरकार से की “छठ पूजा’ पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की।

इंदौर : छठ पर्व के तीसरे दिन रविवार को शहर एवं इसके आसपास क्षेत्रों – महू, राउ, पीथमपुर, देवास, उज्जैन में बसे पूर्वांचल के हज़ारों छठ व्रतधारी शहर के विभिन्न तालाबों, प्राकृतिक जलाशयों, कृत्रिम जलकुण्डों में खड़े होकर गोधूलि बेला में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान जो पूर्वोत्तर समाज के लोगों की शहर में सबसे बड़ी संस्था है, के अनुसार, शहर में इस वर्ष लगभग 125 जगहों, विशेष रूप से विजय नगर, बाणगंगा, स्कीम नं.78, तुलसी नगर, तिरुपति पैलेस निपानिया, सिलिकॉन सिटी, श्याम नगर एनेक्स, एरोड्रम रोड, अन्नपूर्णा तालाब, सूर्य मंदिर कैट रोड सुखलिया, शिप्रा, देवास नाका इत्यादि जगहों पर पर सार्वजनिक छठ पर्व मनाया जा रहा है, जहाँ छठ व्रती सार्वजनिक जलाशयों तथा कृत्रिम जलकुण्डों में खड़े होकर सूर्यदेव को अपने संतानों, परिवारों, समाज, शहर एवं प्रदेशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य,सुख समृद्धि एवं दीर्घायु होने की छठ मैया से कामना करेंगे।

रविवार सायंकाल 5 बजकर 34 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का मुहूर्त।

पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव के के झा, कुंवर रजत सिंह भदोरिया ने कहा कि शनिवार सुबह से ही शहर के समस्त पूर्वांचल परिवारों में, खासकर छठ व्रतियों के घरों में उत्सव एवं उल्लास का माहौल रहा, जहाँ परिवार की महिलाऐं अपने अपने घरों की साफ़ सफाई कर खरना का प्रसाद बनाने में व्यस्त थी, वहीँ दूसरी तरफ घर के पुरुष छठ पूजा एवं पूजा में उपयोग होने वाले फलों की खरीदारी में व्यस्त रहे। प्रसाद के रूप में महिलाओं ने गुड एवं गेहूं, घी मिश्रित ठेकुआ के अलावा चावल के भुसवा, इत्यादि का प्रसाद मिटटी के बने चूल्हे पर बनाया।

छठ महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को छठ व्रतियों के घरों में खरना का आयोजन हुआ। दिन भर व्रत रखने के पश्चात व्रतियों ने शाम को गंगाजल मिश्रित जल से स्नान करने के पश्चात भगवान सूर्य का ध्यान कर छठ मईया का पूर्ण विधि विधान से पूजा किया। उसके बाद मिटटी के बने चूल्हे पर पूर्ण स्वछता एवं पवित्रता के साथ अरवा चावल, दूध व गुड़ की खीर और गेहूं की रोटी का प्रसाद बनाकर कर भगवान सूर्य और छठ मईया को समर्पित करने के पश्चात, उसे ग्रहण किया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। व्रती अपने निर्जला उपवास का पारण सोमवार (1नवंबर) को सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद करेंगे।

छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के मांग।

पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान ने मध्य प्रदेश सरकार से छठ पर्व के दिन मध्य प्रदेश सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह, महासचिव के के झा ने छठ पर सार्वजनिक अवकाश की मांग करते हुए कहा कि छठ पर्व अब मात्र सिर्फ बिहार एवं उत्तर प्रदेश का पर्व नहीं है। इस पर्व ने राष्ट्रीय स्वरुप ले लिया है। उन्होंने कहा कि देश के कई प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश सरकार भी प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में पूर्वांचल के लोगों की धार्मिक भावना एवं आस्था को ध्यान में रखते हुए छठ पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करें।

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