झांसी: भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारने की कवायद में जुटी बीजेपी की परेशानी और बढ़ गई है। उमा भारती ने भोपाल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। मीडिया को जारी एक पत्र के जरिये उमा भारती ने ये बात कही है।
मेरा रोल 2003 में ही पूरा हो गया था।
उमा भारती ने पत्र में लिखा है कि दिग्विजय सिंह को 2003 में उन्होंने भारी बहुमत के साथ सत्ता से बेदखल कर दिया था। उसके बाद उनका रोल पूरा हो गया था।
शिवराज सहित कई नेता दिग्विजय को हराने में सक्षम।
उमा भारती ने अपने पत्र में लिखा है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह सहित बीजेपी में ऐसे कई नेता हैं जो दिग्विजय सिंह को हराने में सक्षम है। उन्होनें कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता प्रकाशचंद सेठी और अर्जुन सिंह का जिक्र करते हुए लिखा है कि उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था।
जनता और कार्यकर्ता दिलाते हैं जीत।
उमाजी ने दिग्विजय सिंह को नसीहत देते हुए लिखा है कि उन्हें घमंड नहीं पालना चाहिए। चुनाव नेता नहीं जनता और कार्यकर्ता जिताते हैं। भोपाल की तासीर को समझने की जरूरत है। वहां के लोग दिग्विजय सिंह को हराने के लिए बेताब हैं।
शिवराज भी नहीं हैं लड़ने के इच्छुक।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह को भी भोपाल या विदिशा से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से कहा जा रहा है पर वे दिल्ली की राजनीति करना नहीं चाहते इसलिए उन्होंने भी चुनाव लड़ने से इनकार किया है।
बीजेपी नेतृत्व नहीं ले पा रहा निर्णय।
इंदौर, भोपाल और विदिशा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती हैं बावजूद इसके बड़े नेताओं के अनिच्छा जताने से पार्टी नेतृत्व को विनिंग कैंडिडेट चुनने में खासी कठिनाई हो रही है। जितनी देरी बीजेपी की ओर से हो रही है कांग्रेस को अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिल रहा है। ऐसे में बीजेपी को अपने गढ़ की रक्षा करने में भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है।