वार्ड 59 के हरसिद्धि क्षेत्र में जेसीबी से खुदाई में लोगों के नर्मदा के नल कनेक्शन भी उखाड़ फेंके।
पेयजल से वंचित हुए रहवासी।
इंदौर : शहर हो या हाइवे,सभी खुदे पड़े हैं। आए दिन जाम लग रहे हैं। मानसून की इंट्री हो गई है, बावजूद इसके, पुराने काम पूरे करने की बजाय नए – नए काम शुरू किए जा रहे हैं। घटिया क्वालिटी का निर्माण किया जा रहा है पर निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। पहले ही परेशान आम लोगों के लिए नित नई परेशानियां खड़ी की जा रहीं हैं, उनकी ओर देखने की फुर्सत जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को नहीं है।
जेसीबी से खुदाई में नर्मदा के नल कनेक्शन भी उखाड़ दिए, पेयजल से वंचित हुए रहवासी।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन के वार्ड 59 में कुछ वर्ष पूर्व बैकलेन में गटरों को बंद कर पाइप डाल दिए गए थे। कम व्यास वाले पाइप डाले जाने के साथ चैंबर निर्माण में भी लापरवाही बरती गई, जिसके चलते अक्सर पाइप लाइन चौक होने के साथ घरों पानी भरने की समस्या आने लगी। दरअसल, गटर के चैंबरों में अंदर से प्लास्टर नहीं किया गया था, जिसके चलते गिट्टी व चूरी गिरते रहने से चैंबर चौक हो जाते थे। समस्या के समाधान के लिए नगर निगम ने पुराने पाइप बदलकर नए बड़े आकार के पाइप डालने के लिए खुदाई शुरू कर दी। वार्ड के हरसिद्धि क्षेत्र में जेसीबी से की जा रही खुदाई में बेकलाइन स्थित लोगों के नर्मदा के नल कनेक्शन भी उखाड़ फेंके। इससे लोग नर्मदा के जल से ही वंचित हो गए हैं। ठेकेदार एजेंसी तो गटर के पाइप बदलने के साथ चैंबर बनाकर चली जाएगी लेकिन लोगों के उखड़े नर्मदा के नल कनेक्शन कौन फिर से जोड़कर देगा,नल के पाइप का खर्च कौन वहन करेगा,इसका जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। नगर निगम पानी के बिल की वसूली में तो कोई कसर नहीं छोड़ती, ऐसे में जिनके नर्मदा के नल कनेक्शन नष्ट हो गए हैं, उन्हें पहले की तरह दुरुस्त कर लोगों के घरों तक पहुंचाना क्या उसकी जिम्मेदारी नहीं है..? स्थानीय रहवासियों की मांग है कि नगर निगम को उनके उखड़े नल कनेक्शन पुनः दुरुस्त कर देने चाहिए। आखिर ठेकेदार एजेंसी और नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा वे क्यों भुगते।