शहर के प्रति निभाएं अपनी जिम्मेदारी।
नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने का करें प्रयास।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पार्षदों को दी नसीहत।
डिबेट, डिस्कस देन डिसाइड का दिया मूलमंत्र।
इंदौर : निगम परिषद के गुरुवार को संपन्न हुए सम्मेलन के पूर्व लोकसभा स्पीकर रही श्रीमती सुमित्रा महाजन ने पक्ष – विपक्ष के पार्षदों का मार्गदर्शन किया। सुमित्रा ताई ने अपनी इस पाठशाला में पार्षदों को एक जनप्रतिनिधि के बतौर उनकी भूमिका क्या और कैसी होनी चाहिए, इसका पाठ पढ़ाया। उन्होंने पार्षदों को नसीहत देने के साथ उनकी जिम्मेदारी का भी अहसास कराया।
अध्ययन करें और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें।
सुमित्रा ताई ने पार्षदों से कहा कि वे अध्ययनशील बनें। सदन में पूरी तैयारी करके आएं और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें।
अटलजी की वक्तृत्व कला के विरोधी भी कायल थे।
सुमित्रा ताई ने कहा कि जनप्रतिनिधि का आचरण और व्यवहार अच्छा होना चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें विरोधी भी सम्मान देते थे। उनका भाषण सुनने के लिए आम जनता तो उमड़ती ही थी, विरोधी दलों के नेता व कार्यकर्ता भी उन्हें सुनने के लिए जाते थे।
लोगों के विश्वास को खंडित न होने दें।
श्रीमती महाजन ने पार्षदों से कहा कि ये आपके राजनीतिक सफर की पहली सीढ़ी है। आपको अभी बहुत आगे जाना है। आप लोगों के प्रतिनिधि हो। उन्होंने आपको अपना नेता चूना है। उनका विश्वास खंडित न हो इसका ध्यान रखें पर गलत काम के लिए ना बोलना भी सीखें।
शहर हित में एकजुटता से करें काम।
सुमित्रा ताई ने पक्ष – विपक्ष के पार्षदों से कहा कि वे अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का पालन अवश्य करें पर जहां शहर हित की बात हो, वहां एकजुट हो जाएं।
नगर निगम आत्मनिर्भर कैसे हो, इसपर विचार करें।
ताई ने पार्षदों से कहा कि इंदौर अब महानगर बन गया है। आप महानगर पालिका के पार्षद हो, निगम की से कैसे बढ़े और इसे आत्मनिर्भर कैसे बनाया जाए इसपर विचार करें।
पानी का अपव्यय रोकने के उपाय करें।
ताई पार्षदों को आग्रह किया कि वे पानी का अपव्यय रोकने के उपाय करें। सबसे महंगा पानी इंदौर को मिल रहा है, यह व्यर्थ न बहे, इसकी जिम्मेदारी हर जनप्रतिनिधि की है।
डिबेट, डिस्कस देन डिसाइड।
सुमित्रा ताई ने पार्षदों से कहा कि महत्वपूर्ण विषयों पर सदन में उच्चस्तरीय चर्चा करें, उनपर बहस हो इसके बाद अंतिम निर्णय पर पहुंचे। उन्होंने इसके लिए डिबेट, डिस्कस देन डिसाइड का मूलमंत्र दिया। ताई ने सभापति मुन्नालाल यादव से भी कहा कि वे सदन चलाते समय अहम बिंदुओं को नोट करने की आदत डालें, इससे सदन चलाने में उन्हें आसानी होगी।
मिनी लोकसभा की तरह लगता है सदन।
सुमित्रा महाजन ने नवनिर्मित निगम परिषद के हॉल की सराहना करते हुए कहा कि यह मिनी लोकसभा की तरह नजर आता है। इसके लिए उन्होंने महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को बधाई दी।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा ताई महाजन के इस मार्गदर्शन सत्र में सांसद शंकर लालवानी और विधायक मधु वर्मा व रमेश मेंदोला ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।