गीता जयंती महोत्सव में ज्वलंत मुद्दों पर किया जाएगा श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन

  
Last Updated:  December 1, 2022 " 07:43 pm"

2 से 8 दिसंबर तक आयोजित होगा गीता जयंती महोत्सव।

देशभर से संत – महात्मा करेंगे शिरकत

इंदौर : मालवा अंचल के प्रमुख आस्था केन्द्र गीता भवन पर 65वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव के सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 2 दिसम्बर को दोपहर 1 बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा। जगदगुरु शंकराचार्य, पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में इस महोत्सव का शुभारंभ होगा। गीता जयंती का मुख्य महापर्व रविवार 4 दिसम्बर को सुबह 8 से 10.30 बजे तक गीताजी के सामूहिक पाठ के साथ मोक्षदा एकादशी को मनाया जाएगा। संत विद्वानों के प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 1 से सायं 5.30 बजे तक होंगे। गीता जयंती के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी 2 से 8 दिसम्बर तक आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में प्रतिदिन सुबह 8 से 12 एवं दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक होगा।

ज्वलंत मुद्दों पर भी होगा विचार – मंथन।

इस बार गीता जयंती महोत्सव में संतों के प्रवचनों में लव जिहाद, धर्मांतरण, हिन्दुत्व, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वैचारिक प्रदूषण एवं शिक्षा नीति जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी विचार मंथन किया जाएगा। उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रतिदिन समापन अवसर पर इन सभी बिन्दुओं पर जागरुकता की शपथ भी दिलाई जाएगी।

ये संत – महात्मा करेंगे शिरकत।

गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी एवं कोषाध्यक्ष मनोहर बाहेती ने पत्रकारों को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि 65वें गीता जयंती महोत्सव में देश के प्रख्यात संत-विद्वानों के आगमन का क्रम 1 दिसम्बर से शुरू हो जाएगा। महोत्सव में जगदगुरु शंकराचार्य, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष, राष्ट्र संत आचार्य स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज, जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत), जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज (अशर्फी भवन, अयोध्या), महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज शकरगढ़ (राज.), महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती (सनातन आर्श विद्या प्रतिष्ठान), महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज (अन्नपूर्णा आश्रम इंदौर), महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप (अखंड धाम आश्रम, इंदौर), महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती (श्री श्रीविद्याधाम इंदौर), महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज (हरिद्वार), जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजयशंकर मेहता (उज्जैन), कथा रसिक युवा संत पुंडरिक गोस्वामी (वृंदावन), युवा वैष्णवाचार्य द्वितीय पीठ युवराज गोस्वामी वागधीश बाबाश्री (विट्ठलनाथ मंदिर नाथद्वारा-उदयपुर), गोस्वामी दिव्येश कुमार महाराज (गोवर्धन नाथ मंदिर नाथद्वारा-इंदौर), गोधरा (गुजरात) की भगवती स्वरूपा परमानंदा सरस्वती, डाकोर से स्वामी देवकीनंददास, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, वेदांत आश्रम इंदौर के स्वामी आत्मानंद सरस्वती, रामकृष्ण मिशन इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद, हरिद्वार साधना सदन के स्वामी सर्वेश
चैतन्य महाराज, जोधपुर के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री, उदयपुर के संत माणकराम रामस्नेही, उदयपुर के ही चेतनराम महाराज, गोराकुंड रामद्वारा इंदौर के संत अमृतराम महाराज, नेमिषारण्य के स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, हरिद्वार गंगेस्वर धाम के स्वामी दिव्यानंद, हरिद्वार के ही महंत स्वामी प्रकाश मुनि एवं गोपाल मुनि तथा स्वामी श्रवण मुनि, उज्जैन के स्वामी आसंगानंद, अजमेर की साध्वी अनादि सरस्वती, पानीपत की साध्वी ब्रह्मज्योति सरस्वती, गोंडा (उ.प्र.) के पं. प्रहलाद मिश्र रामायणी, भदौही के पं. पीयूष महाराज रामायणी एवं पं. सुरेश शरण, वाराणसी के पं. रामेश्वर त्रिपाठी तथा आगरा के राष्ट्रसंत हरियोगीजी सहित 50 से अधिक संत एवं विद्वान इस महोत्सव में प्रतिदिन दोपहर 1 से 5,30 बजे तक सत्संग सत्र में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। गीता जयंती महोत्सव में आने वाले संत, विद्वानों से आग्रह किया गया है कि वे इस बार ज्वलंत मुद्दों पर भी धर्मालुजनों का मार्गदर्शन कर उन्हें लव जिहाद की बुराइयों, धर्मातरण, हिन्दुत्व, पर्यावरण, जल संरक्षण, वैचारिक प्रदूषण एवं शिक्षा नीति पर अपने निष्कर्ष बताएं और प्रतिदिन सत्र के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं को संकल्प भी दिलाएं कि वे इन मुद्दों पर भारतीय धर्म एवं संस्कृति के अनुरूप स्वयं भी आचरण करेंगे तथा अपने बच्चों और आसपास के लोगों को भी प्रेरित करेंगे। बाहर से आने वाले संतों एवं भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था इस बार भी शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल के सहयोग से की जाएगी। महोत्सव के लिए गीता भवन परिसर में भक्तों की सुविधा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।

गीता भवन हॉस्पिटल का 7 करोड़ की लागत से कराया जा रहा जीर्णोद्धार।

गीता भवन ट्रस्ट मंडल के संरक्षक गोपालदास मित्तल, विनोद अग्रवाल, टीकमचंद गर्ग, प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, महेशचंद्र शास्त्री, हरीश माहेश्वरी, पवन सिंघानिया, राजेश गर्ग केटी एवं सोमनाथ कोहली ने बताया कि गीता भवन हास्पिटल का जीर्णोद्धार कल्याणमल बद्रीप्रसाद गर्ग चेरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से लगभग 7 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा है। वर्तमान में गीता भवन एवं बीएम मित्तल हास्पिटल की 140 बिस्तरों की क्षमता है। यहां प्रतिदिन 50 चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एमवाय अस्पताल के बाद सर्वाधिक ओपीडी मरीजों की संख्या वाला किसी पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा संचालित यह पहला हास्पिटल है, जहां अब स्वयं का आक्सीजन प्लांट भी प्रतिदिन 100 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्सर्जन कर रहा है। चार मंजिला इस अस्पताल के कायाकल्प का काम जल्द से जल्द पूरा कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस जीर्णोद्धार के चलते अस्पताल की नियमित सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। कायाकल्प के बाद यहां सोनोग्राफी, एक्सरे, पैथालॉजी का आधुनिक मशीनों के अलावा आर्थोपेडिक वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, आकस्मिक चिकित्सा वार्ड सहित अनेक नई सुविधाएं भी आम मरीजों को उपलब्ध हो सकेंगी।

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