इंदौर : आईडीए की 11 साल पुरानी लापरवाही पर कोर्ट ने ₹8,76,883 हर्जाने का भुगतान पीड़ित को करने का आदेश पारित किया है। एक आँख की रोशनी के जाने के साथ युवक के चेहरे पर कई फ्रेक्चर हुए थे।
ये थी घटना।
दरअसल घटना 11 साल पहले की है, जब राहुल सिंह पिता कैलाश परिहार अपनी मोटरसाइकिल से दिनांक 5- 11-10 को पिपलियाहाना से रीगल चौराहे की तरफ आ रहा था। कृषि महाविद्यालय के समीप मंदिर मार्ग पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा सड़क का निर्माण कराया जा रहा था।निर्माण के दौरान सड़क के किनारे बेहद लापरवाही से पाइप बिखरे पड़े थे। जिसके चलते राहुल परिहार हादसे का शिकार हो गया । इस दुर्घटना में राहुल की एक आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। साथ ही चेहरे पर कई सारे फैक्चर हो गए जिसका लंबे समय तक इलाज चला। राहुल परिहार की ओर से दुर्घटना के बाद कोर्ट में दावा पेश कर क्षतिपूर्ति के 20 लाख रुपयों की मांग के साथ वाद 23 वे अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अमित कुमार गुप्ता इंदौर के न्यायालय में प्रस्तुत किया। लंबे समय तक चले तर्क -वितर्क ओर गवाही के बाद न्यायालय ने आदेश पारित किया।अपने निर्णय में कोर्ट ने यह निष्कर्ष दिया की घटना दिनांक को इंदौर विकास प्राधिकरण एवं मेसर्स नीरज सीमेंट स्ट्रक्चरल लिमिटेड के द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए सीमेंट के पाइप सड़क पर बेहद लापरवाही से यहाँ-वहाँ बेतरतीब पटक रखे थे, जिसके परिणाम स्वरूप दुर्घटना कारित हुई। न्यायालय ने वादी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रुपए 8,76, 883 मय 6% ब्याज के साथ दिए जाने के आदेश पारित किए। प्रकरण में वादी राहुल परिहार की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण कुमार वर्मा एवं समीर वर्मा ने की।