इंदौर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने चंद्रयान – 2 को, लॉन्चिंग के 29 दिन बाद चंद्रमा की कक्षा में स्थापित कर दिया। चांद से चंद्रयान 2 की दूरी अब महज 18 हजार किलोमीटर रह गई है। चांद की कक्षा में चंद्रयान – 2 को पहुंचाना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती थी। चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण से बचाते हुए चंद्रयान – 2 की गति को नियंत्रित कर वैज्ञानिकों ने उसे सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में पहुंचा दिया।
इसरो के मुताबिक चंद्रयान – 2 चंद्रमा की 4 कक्षाएं पर कर 1 सितंबर को चांद के बेहद करीब पहुंच जाएगा। उस दौरान उसकी दूरी चांद से महज 100 किमी रह जाएगी।
2 सितंबर को आर्बिटर से अलग होगा लेंडर।
वैज्ञानिकों के अनुसार 2 सितंबर को चंद्रयान – 2 अहम पड़ाव से गुजरेगा। इस दिन लेंडर, ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। लेंडर को विक्रम नाम दिया गया है।
7 सितंबर को कराई जाएगी लैंडिंग।
इसरो के वैज्ञानिकों के लिए लेंडर विक्रम को चांद की सतह पर सुरक्षित उतारना सबसे बड़ी चुनौती होगी। 7 सितंबर को रात 1 बजकर 55 मिनट पर विक्रम की लैंडिंग चांद के दक्षिणी गोलार्द्ध में कराई जाएगी।
चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा रोवर प्रज्ञान।
लेंडर विक्रम की सुरक्षित लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान उससे अलग होकर चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा। रोवर प्रज्ञान 6 पहिए वाला एक रोबोट वाहन है। 27 किलोग्राम का ये रोबोट वाहन 500 मीटर तक घूमकर चांद की तस्वीरें और विश्लेषण के लिए आंकड़े इकठ्ठे करेगा। लेंडर और ऑर्बिटर के जरिये ये तस्वीरें और आंकड़ें इसरो को प्राप्त होंगे जिनपर आगे अनुसंधान होगा। रोवर 14 दिनों तक एक्टिव रहेगा। चंद्रयान – 2 मिशन पूरा होते ही ऐसा करनेवाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।