नई दिल्ली : भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी प्रदेशों के प्रभारियों के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक की। बैठक में प्रदेशों के सह प्रभारी भी मौजूद हैं। बैठक में आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन की तैयारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में देश भर में ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। बैठक में संगठनात्मक दृष्टिकोण से पार्टी संगठन के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की रणनीति को लेकर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान नड्डा ने खासतौर से लोक सभा प्रवास योजना को लेकर भी चर्चा की।
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के अलावा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देव, पार्टी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, तरुण चुग एवं विनोद तावड़े, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, ओम माथुर, लक्ष्मी कांत वाजपेयी, विनोद सोनकर, संबित पात्रा, हरीश द्विवेदी, नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा सहित तमाम राज्यों के प्रभारी बैठक में मौजूद रहे।
बता दें कि, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने इसी महीने नौ सितंबर को विभिन्न राज्यों के प्रभारियों में बड़ा फेरबदल करते हुए कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और पार्टी के दिग्गज नेताओं को विभिन्न राज्यों का प्रभारी बनाया है। प्रभारियों और सह-प्रभारियों की नई नियुक्ति के बाद मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में यह बैठक पहली बड़ी बैठक बुलाई गई जिसमें आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
नौ सितंबर को नियुक्त होने वाले नए प्रभारियों में से ज्यादातर अपने-अपने प्रभार वाले राज्यों का दौरा कर चुके हैं। इस बैठक में सभी प्रभारियों ने अपने-अपने राज्यों की रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रस्तुत की। इसके अलावा जेपी नड्डा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक भी अलग से बुलाई है, जिसमें भविष्य की रणनीति और पार्टी के कार्यक्रमों पर मुहर लगाई जानी है।
दरअसल, 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव तक भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन मिल सकता है। इसके साथ ही भाजपा अब पूरी तरह से लोक सभा और आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इस वर्ष के आखिर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरी बार चुनाव जीत कर भाजपा प्रदेश से जुड़े मिथक को बदलना चाहती है तो वहीं अपने सबसे मजबूत गढ़ गुजरात में इस बार शानदार जीत हासिल करना चाहती है।
अगले वर्ष यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में विधान सभा चुनाव होने हैं। जिन राज्यों में भाजपा अभी सत्ता में है, उन राज्यों की सत्ता बरकरार रखने के साथ भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना चाहती है वहीं तेलंगाना में भी टीआरएस सरकार को हराने की रणनीति पर काम कर रही है।