इंदौर : शरद पूर्णिमा के दिन काँग्रेस के स्टार प्रचारक कमलनाथ पर आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर अमावस का साया पड़ गया।उनके स्टार पहले ही गर्दिश में थे, पहले तो वे पार्टी के स्टार नहीं रहे। अब चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारक से इसलिए हटाया कि जुबान ज्यादा चलाई और मुद्दे तो थे नहीं अनाप-शनाप ,आपत्तिजनक, अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने पर आचार संहिता का उल्लंघन आयोग ने माना।आयोग ने अपनी निष्पक्षता फिर प्रमाणित की।
खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष और मालवा निमाड़ के भाजपा के मीडिया प्रभारी गोविन्द मालू ने कहा कि” आयटम और नालायक बोलने पर राहुल गाँधी ने उन्हें हिदायत दी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने समझाइश दी की माफी मांग लो, लेकिन कलकत्ता के व्यापारी देश के बिना उद्योग के उद्योगपति ने एक नहीं मानी, क्योंकि कहने के लिए कुछ था नहीं, और भाषण भी क्या देते हार का आसन्न भय सन्निपात की स्थिति भी पैदा करता है इसलिए कुछ भी बोलने में आ जाता है।
मालू ने कहा कि काँग्रेस के नेताओं को तानाशाही और तमाशे की ऐसी आदत हो गई है कि उन्हें किसी संवैधानिक संस्था और न्याय के मंदिरों द्वारा दिए गए प्रतिकूल फैसलों पर शर्म आने और पश्चाताप करने के बजाय,वे अपनी कही बात को जायज ठहराते रहे हैं,और गीत गा रहे हैं कि “गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे”।नाजायज तरीके अपनाने की कार्यप्रणाली और शौक काँग्रेस को शुरू से रहा है।
चुनाव आयोग ने नाथ की बदजुबानी पर लिया सही एक्शन-मालू
Last Updated: October 31, 2020 " 10:56 am"
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