छल – कपट से धर्मांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे – मुख्यमंत्री

  
Last Updated:  November 23, 2022 " 10:07 pm"

मुख्यमंत्री ने ‘‘पेसा एक्ट‘‘ में मिले अधिकारों से जनजातीय समुदाय को किया जागरूक।

पंधाना- घाटाखेड़ी – कालका मार्ग को टंट्या मामा मार्ग के नाम से जाना जाएगा।

खण्डवा जिले के पंधाना में संपन्न हुआ ‘पेसा जागरूकता सम्मेलन।

इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंधाना – घाटाखेड़ी – कालंका मार्ग को अब क्रांति सूर्य जनजाति ‘‘महानायक टंट्या मामा मार्ग‘‘ के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश में जनजातीय वर्ग को सशक्त और अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए पेसा एक्ट लागू किया गया है। जल, जंगल, जमीन पर जनजातीय वर्ग का अधिकार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खण्डवा जिले के पंधाना विकासखण्ड अंतर्गत कृषि उपज मण्डी में आयोजित पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मध्यप्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 में जनजातीय वर्ग को दिए गए अधिकारों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए उन्हें जागरूक किया।

गाँव की जमीन का नक्शा, खसरा अब ग्राम सभा के सामने रखना होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने जनजातीय वर्ग को संबोधित करते हुए बताया कि पेसा एक्ट प्रदेश के 20 जिलों के 89 अधिसूचित विकासखण्डों में जनजातीय वर्ग के उत्थान हेतु लागू किया गया है। यह एक्ट किसी के विरूद्ध नहीं है, बल्कि इससे आदिवासी भाई-बहनों को मजबूती मिलेगी। पेसा कानून के अनुसार अब पटवारी और बीट गार्ड को गाँव की जमीन का नक्शा, खसरा ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे जमीन किसके नाम पर है, स्पष्ट हो पाएगा और जमीन के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। किसी कार्य या योजना हेतु जमीन अधिग्रहित करने के पूर्व ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी। छल, कपट और बलपूर्वक अब कोई जमीन नहीं हड़प सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का अधिकार होगा।

छल कपट से धर्मांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छल- कपट से प्रदेश की धरती पर धर्मांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि खनिज के मामले जिनमें रेत खदान, गिट्टी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं इसका निर्णय भी ग्राम सभा में ही लिया जाएगा।

गाँव का पैसा गाँव के विकास में ही इस्तेमाल होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अब जल, तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभा करेगी। तालाबों में सिंघाड़ा उगाने और मछली पालन की सहमति ग्राम सभा देगी। सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभा में हो सकेगा। जनजातीय वर्ग के लोगों को वनोपज संग्रहण करने के साथ ही उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और ब्रिकी का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। वनोपज की दर ग्राम सभा तय करेंगी। गाँव का पैसा गाँव के विकास में ही उपयोग होगा।

‘‘शांति और विवाद निवारण समिति‘‘ गांव के छोटे झगड़े निपटायेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि मनरेगा के माध्यम से किए जाने वाले कार्य एवं मस्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी। यदि किसी कार्य हेतु ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को इसकी जानकारी देनी होगी। जनजाति क्षेत्रों में केवल लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देना होगी। अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं के हित लाभ के लिए भी ग्राम सभा को अधिकार रहेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। गांव में छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास रहेगा। इसके लिए ‘‘शांति और विवाद निवारण समिति‘‘ गठित होगी। संबंधित थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। आँगनवाड़ी केन्द्रों के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनिटरिंग का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।

जनजातीय समुदाय ने मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद पत्र भेंट कर माना आभार।

कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या-पूजन एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। जनजातीय वर्ग उत्थान एवं सशक्तिकरण के लिए पेसा एक्ट लागू करने पर पंधाना जनजाति समुदाय ने ‘‘धन्यवाद-पत्र‘‘ मुख्यमंत्री चौहान को भेंट करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जनजातीय लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री चौहान और वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी लोकनृत्य में उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने गौरव यात्रा को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना।

मुख्यमंत्री चौहान ने जननायक टंट्या भील की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर से हरी झण्डी दिखाकर गौरव यात्रा को रवाना किया। यह यात्रा बड़ौदा अहीर से प्रारंभ होकर पंधाना, डूल्हार फाटा, बोरगांव बुजुर्ग, राजोरा, डोंगरगांव, कोहदड़, पिपलौद, भीलखेड़ी, गुड़ी से होते हुए टंट्या मामा की कर्म स्थली पर सम्पन्न होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन किया, वहीं उनके वंशजों से सौंजन्य भेंट भी की।

पेसा जागरूकता सम्मेलन में वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद ज्ञानेश्वर पाटील एवं पंधाना विधायक राम दांगोरे ने भी संबोधित किया। इस दौरान खण्डवा विधायक देवेन्द्र वर्मा, मांधाता विधायक नारायण पटेल, उपाध्यक्ष पर्यटन विकास निगम नरेन्द्र सिंह तोमर, संभागायुक्त इंदौर संभाग पवन शर्मा, डी.आई.जी. तिलक सिंह, कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह सहित जनप्रतिनिधि,अधिकारी व बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे।

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