जनजातीय लोक कलाओं को समर्पित मालवा उत्सव की रंगारंग शुरुआत

  
Last Updated:  December 26, 2021 " 06:23 pm"

इंदौर : कोरोना के चलते दो वर्ष के अंतराल बाद लोक संस्कृति मंच द्वारा नगर निगम इंदौर व संस्कृति विभाग मप्र के सहयोग से आयोजित मालवा उत्सव की रंगारंग शुरुआत शनिवार शाम इंदौर के लालबाग परिसर में हुई। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे कला, संस्कृति के इस लोकोत्सव के शुभारंभ समारोह में आरएसएस के प्रचारक इंद्रेश कुमार मुख्य अतिथि के बतौर मौजूद रहे। औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद मुख्य अतिथि इंद्रेश कुमार ने अपने विचार रखते हुए कहा ऐसे उत्सव संस्कृति और संस्कार को बढ़ावा देते हैं। मानवीय एकता को मजबूत करते हैं और रोजगार का भी सृजन करते हैं।

20 राज्यों के 400 कलाकार कर रहें शिरकत।

लोक संस्कृति मंच के संयोजक सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि इस बार का मालवा उत्सव जनजातीय लोक कलाओं को समर्पित किया गया है। इसमें देश के 20 राज्यों के करीब 400 कलाकार शिरकत कर रहे हैं। इसी के साथ बड़ी संख्या में शिल्पकार भी हाथ से बनी वस्तुओं के स्टॉल यहां लगाए हैं। खानपान और बच्चों के लिए झूले- चकरी भी यहां लगाए गए हैं। मंच को ओरछा के राम मंदिर की प्रतिकृति से सजाया गया है।

लोकनृत्यों की धमाकेदार प्रस्तुतियों ने लोगों को किया मोहित।

मालवा उत्सव के औपचारिक शुभारंभ के बाद तेलंगाना का लंबार्डी, महाराष्ट्र का कोळी, आंध्र का गरागल्लू, विशाखापत्तनम का ढिमसा, मप्र का गुदुम बाजा, गुजरात का गरबा आदि लोक नृत्य प्रस्तुत किए गए। मप्र के आदिवासी लोकनृत्य भगोरिया भी पेश किया गया। कत्थक के माध्यम से पेश की गई राम स्तुति को दर्शकों की खासी सराहना मिली। पहले ही दिन बड़ी संख्या में दर्शक मालवा उत्सव में पहुंचे और लोक कलाओं के साथ खरीददारी व लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
आयोजकों के मुताबिक उत्सव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है।

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