जनजातीय समाज के मसीहा थे टंट्या मामा- राजेश सोनकर

  
Last Updated:  November 30, 2021 " 08:29 pm"

इंदौर : भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में टंट्या मामा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा के नाम का ख़ौफ इंग्लैंड तक था, इसलिए उन्हें पकड़ने के लिए अंग्रेजी हुकूमत ने कई बार योजना बनाई, लेकिन हर बार उन्हें मुँह की खानी पड़ती थी। टंट्या मामा जनजातीय बंधुओं और गरीबों के मसीहा थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि जब उन्हें गिरफ्तार करके रेल से जबलपुर कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो रेल लाइन के दोनों तरफ उनके दर्शन करने के लिए जनता का हुजूम उमड़ पड़ा था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने ऐसे महापुरुषों को उचित सम्मान नहीं दिया। ये बात भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर ने राऊ विधानसभा के कैलाश पाटीदार और निर्भय सिंह पटेल मंडल की संयुक्त बैठक में कही। बैठक मुराई मौर्य धर्मशाला, पिपलियापाला में रखी गई थी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसे सच्चे सपूतों को सम्मान देने का काम कर रहे है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अपना बलिदान दिया। देश के कोने कोने में माँ भारती के ऐसे महापुरुषों की अमर कहानियों को संकलित करने के लिए उन्होंने आजादी के 75 वे वर्ष में अमृत अभियान चलाया है, ताकि आजादी के लिए मर मिटने वाले महानायकों को सम्मान मिल सके, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी प्रदेश की धरती के वीर सपूतों को पूजने का काम कर रहे हैं। मप्र की भाजपा सरकार टंट्या मामा के बलिदान दिवस को गौरव यात्रा के रूप में मना कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने का काम कर रही है। इस गौरव यात्रा में शामिल होकर टंट्या मामा की शहादत को नमन करते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर अपने जीवन को कृतज्ञ करे।

इस अवसर पर वरिष्ठ नेता मधु वर्मा, किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री रवि रावलिया, महेंद्र ठाकुर, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार, घनश्याम नारोलिया ने भी कार्यकर्ताओ को संबोधित किया।

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