बड़े राज्यों की श्रेणी में मप्र रहा स्वच्छता में सिरमौर।
नई दिल्ली: स्वच्छ भारत अभियान 2022 में भी इंदौर ने शीर्ष पर रहते हुए लगातार छठी बार पहला स्थान प्राप्त किया है। इंदौर ने स्वच्छता में 7 स्टार रेटिंग भी प्राप्त कर असाधारण उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि पाने वाला भी इंदौर देश का पहला शहर बन गया है। सोने पर सुहागा ये रहा कि इस बार स्वच्छता में मध्य प्रदेश को भी बड़े राज्यों में पहला स्थान मिला है। त्रिपुरा छोटे राज्यों में पहले स्थान पर आया है।
इंदौर के जनभागीदारी मॉडल को पूरा देश अपनाएं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनभागीदारी से स्वच्छता के इंदौर मॉडल पूरे देश में लागू करने पर जोर दिया है। अपने ट्वीट के जरिए राष्ट्रपति ने कहा, “स्वच्छ सर्वेक्षण – 2022 के तहत इंदौर शहर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार छठी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मेरा सुझाव है कि इंदौर शहर के निवासियों द्वारा अपनाए गए जन भागीदारी के मॉडल को पूरे देश में अपनाने के प्रयास होने चाहिए।
मप्र भी स्वच्छता में बना नंबर वन।
‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र का स्थान है। इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान गंवा दिया और यह स्थान नवी मुंबई को मिला।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य विशिष्टजन मौजूद थे।
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में पंचगनी पहले स्थान पर रहा।
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र के कराड़ का स्थान रहा।
हरिद्वार गंगा किनारे का सबसे स्वच्छ शहर।
गंगा किनारे बसे एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में शहरों में हरिद्वार सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश का नंबर रहा।
सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले गंगा के किनारे बसे शहरों में बिजनौर पहले स्थान पर रहा। इसके बाद क्रमशः कन्नौज और गढ़मुक्तेश्वर का स्थान रहा।
देवलाली सबसे स्वच्छ केंटोनमेंट बोर्ड।
सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र का देवलाली देश का सबसे स्वच्छ केंटोनमेंट बोर्ड चुना गया।