इंदौर : लगता है शहर में कोई दमदार नेतृत्व नहीं बचा है। नौकरशाही हर मामले में हावी होती नजर आ रही है। जिला प्रशासन के मुखिया मनमाने निर्णय लेकर लागू कर देते हैं और प्रभारी मंत्री सहित तमाम जनप्रतिनिधि उनकी हां में हां मिलाते रहते हैं। ताजा मामला टोटल लॉकडाउन का है। प्रदेश के मुखिया ने कड़ाई बरतने का इशारा क्या किया कि प्रशासन ने आनन – फानन में लॉकडाउन का ऐलान करते हुए लोगों को किराना व सब्जी से भी महरूम कर दिया।
हैरत की बात ये है कि सत्ताधारी दल के नेता इस पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
लोगों की सहूलियत का भी नहीं रखा ध्यान।
प्रशासन को पता नहीं किस बात की जल्दी थी। वैसे ही बीते डेढ़ माह से लोग घरों में रहकर कभी जनता तो कभी कोरोना कर्फ्यू का पालन कर रहे हैं। एम्बुलेंस से लेकर अस्पताल, डॉक्टर, दवाई, इंजेक्शन व ऑक्सीजन के नाम पर लूट खसोट के शिकार लोगों के लिए राहत की बात ये थी कि किराना, फल व सब्जी उन्हें सहज उपलब्ध हो रही थी। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए फल उनकी इम्म्युनिटी बढाने में मददगार साबित हो रहे थे, वहीं किराना व सब्जी प्रतिदिन मिलने से उनके दाम भी सामान्य स्तर पर बने हुए थे पर सीएम की नजरों में अपने नम्बर बढ़वाने के लिए उतावले हो रहे जिला प्रशासन के मुखिया ने टोटल लॉकडाउन लगाते समय लोगों की इस छोटी सी सहूलियत का भी ध्यान नहीं रखा। नतीजा ये हुआ कि लोग रोटी- सब्जी के भी मोहताज हो गए। सभी जानते हैं कि सब्जी का स्टॉक नहीं किया जा सकता, वह खराब होने लगती है। दूसरे गरीब व निम्नवर्गीय लोगों के घरों में एक- दो दिन से ज्यादा का अनाज नहीं रहता, ऐसे में दस दिन का लॉक डाउन उनपर कितना भारी पड़ेगा, समझा जा सकता है।
रात को ही सब्जी के लिए उमड़े लोग।
प्रशासन का टोटल लॉकडाउन का आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग रात में ही सब्जी खरीदने उमड़ पड़े। जिसको जिस भाव में जो हाथ लगा खरीद लिया। सब्जी वालों ने भी मौका देखकर दो गुना भाव वसूले। लोगों ने हड़बड़ाहट में आलू- प्याज बड़ी मात्रा में खरीद लिए। फल व सब्जी मंडी में प्रशासन के आदेश से अनभिज्ञ कई ट्रक व लोडिंग वाहन सब्जी भरकर मंडियों में पहुंचे, उन्हें वापस लौटा दिया गया। रात में ही दुकान सजाकर सब्जी बेच रहे खेरची व्यापारियों को भी वहां से पुलिस ने खदेड़ दिया।
चौराहों पर पुलिस की सख़्ती।
टोटल लॉकडाउन के बाद पुलिस भी चौराहों पर सक्रिय हो गई। पुलिस के जवान इस हद तक मनमानी पर उतारू हो गए कि अस्पताल, कल कारखाने व मेडिकल शॉप वालों को पहचान पत्र दिखाने पर भी वापस लौटा दिया। बात यहीं तक सीमित नहीं रही। सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन लेकर जा रहे लोडिंग वाहन को जब्त कर ट्रैफिक थाने पहुंचा दिया गया। पुलिस वालों की इस नासमझी की वजह से कई टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन समय पर नहीं पहुंच पाई।