डॉ. मिथिलेश दीक्षित हीरक प्रसंग समारोह में हिंदी साहित्यकारों का सम्मान

  
Last Updated:  December 12, 2021 " 05:23 pm"

इंदौर : इंदौर संस्कारों को सिखाने वाला शहर है, यहां साहित्यिक गतिविधियां इस बात की उम्मीद दिलाती हैं कि कही कुछ तो अच्छा चल रहा है। हिन्दी साहित्य को समृध्द बनाने के लिए सभी को समन्वित प्रयास करने की जरूरत है। यह बात भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित हीरक प्रसंग व्याख्यान और साहित्य सम्मान समारोह में बोल रहे थे। देश की जानी मानी साहित्यकार यूपी के प्रतिष्ठित साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित डॉ मिथिलेश दीक्षित के 75वे जन्मदिवस के मौके पर देश भर में कार्यक्रम चल रहे हैं। उसी कड़ी में इंदौर प्रेस क्लब और डॉ एस.एन. तिवारी स्मृति समिति ने शनिवार को व्याख्यान और साहित्य सम्मान समारोह आयोजित किया था।

साहित्यकारों का सम्मान।

समारोह में हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले साहित्यकारों और रचनाकारों का सम्मान किया गया। समारोह में उस्ताद अलाउद्दीन खा संगीत और कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे भी मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त आयुक्त इंदौर संभाग सपना शिवाले सोलंकी ने की।

हिंदी साहित्यकारों को भी समाज में मिले सम्मान।

पत्रकारिता और साहित्य में नवाचार विषय पर बोलते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा हिन्दी साहित्य को वह सम्मान नहीं मिला जो मराठी, बांग्ला या अन्य क्षेत्रीय भाषा के साहित्य को प्राप्त है। इसके लिए लोगों को जोड़ने और दूसरों से सीखने की जरूरत  है। हम अपने बच्चों को अंग्रेजी की कविता सिखाते है मगर हिन्दी कविता अथवा श्लोक नहीं सिखाते। ऐसी सूरत में मातृ भाषा का उन्नयन की उम्मीद कैसे की जा सकती है। हिन्दी पत्रकारिता के कई मुर्धन्य नाम है जिन्हे आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है। मध्यप्रदेश ह्रदय प्रदेश है और इंदौर मार्गदर्शक है। यहां से उठने वाली आवाज दिल्ली तक पहुंचती है। भाषा की समृध्दि के लिए नकारात्मकता को टोकने की जरूरत है। समाज को तोड़ने, आपस में लड़ाने और भाषा को खराब करने जैसी बातों का प्रतिकार करना होगा।

सोशल मीडिया का दुरुपयोग समाज के लिए घातक।

उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि सोशल मीडिया के कारण लोग कुछ ज्यादा जल्दबाजी में दिखने लगे हैं। पोस्ट डालने वाले विषय की गंभीरता को नजरअंदाज कर देते है। यह हमारे समाज के लिए घातक है। ऐसे तत्वों के साथ सामूहिक रूप से लड़ना जरूरी है। उन्होंने इंदौर में साहित्यिक गतिविधियों के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
आरंभ में स्वागत भाषण प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने दिया। अतिथियों का स्वागत देवेंद्र सिंह सिसोदिया, विपिन नीमा, संजय त्रिपाठी, डॉ. दीपा व्यास, विजयसिंह चौहान, डॉ. अर्पण जैन,और राजेंद्र कोपरगांवकर ने किया। संचालन मुकेश तिवारी ने किया। आभार प्रदीप जोशी ने माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यकार, लेखक और पत्रकार मौजूद थे।

इनका हुआ सम्मान।

साहित्य में विशेष योगदान के लिए हरेराम वाजपेयी और सुषमा दुबे।

शिक्षा और साहित्य में योगदान के लिए- डॉ वंदना अग्निहोत्री, प्रो.संगीता भारुका,सीमा व्यास यशोधरा भटनागर, अर्चना मंडलोई, माधुरी व्यास,
डॉ. सोनाली सिंह नरगुंदे और
डॉ. रचना बजाज।

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